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*सुंदर और भाग्यशाली पत्नी के योग*

 *सुंदर और भाग्यशाली पत्नी के योग*


✍🏻डॉ अशोक श्रीश्रीमाल ने बताया कि जन्म कुंडली में यदि इस प्रकार के योग है तो मिलेगी सुंदर और भाग्यशाली पत्नी:-

*१.-* यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के सप्तम भाव में वृषभ या तुला राशि होती है तो उसे सुंदर पत्नी मिलती है.!

*२:-* यदि कुंडली के सप्तम भाव का स्वामी सौम्य ग्रह होता है और वह स्वराशि होकर सप्तम भाव में ही स्थित होता है तो व्यक्ति को सुंदर और भाग्यशाली पत्नी प्राप्त होती है.!

*३:-* जब सप्तम भाव का स्वामी सौम्य ग्रह हो और वह नवम भाव में हो तो व्यक्ति को गुणवती और सुंदर पत्नी प्राप्त होती है। इस योग से व्यक्ति का भाग्योदय विवाह के बाद होता है.!

*४:-* सप्तम भाव का स्वामी एकादश भाव में उपस्थित हो तो व्यक्ति की पत्नी रूपवती, संस्कारी, मीठा बोलने वाली और सुंदर होती है। विवाह के पश्चात व्यक्ति की आय में वृद्धि होती है या पत्नी के माध्यम से भी लाभ प्राप्त होते है.!

*५:-* यदि व्यक्ति की कुंडली के सप्तम भाव में वृष या तुला राशि होती है तो व्यक्ति को चतुर, मीठा बोलने वाली, सुंदर, शिक्षित, संस्कारी, तीखे नयन-नक्ष वाली, गौरी, संगीत कला आदि में दक्ष पत्नी प्राप्त होती है.!

*६:-* यदि कुंडली के सप्तम भाव में मिथुन या कन्या राशि हो तो व्यक्ति को कोमल, आकर्षक व्यक्तित्व वाली, भाग्यशाली, मीठा बोलने वाली श्रेष्ठ पत्नी प्राप्त होती है.! 

*७:-* जिस व्यक्ति की कुंडली के सप्तम भाव में कर्क राशि है, उसे अत्यंत सुंदर, भावुक, कल्पनाप्रिय, मधुरभाषी, लंबे कद वाली, तीखे नयन-नक्ष वाली, भाग्यशाली पत्नी प्राप्त होती है.!

*८:-* यदि कुंडली के सप्तम भाव में कुंभ राशि हो तो ऐसे व्यक्ति की पत्नी गुणवान, धार्मिक, आध्यात्मिक कार्यों में गहरी रुचि रखने वाली एवं दूसरों का सहयोग करने वाली होती है.!

*९:-* कुंडली के सप्तम भाव में धनु या मीन राशि हो तो व्यक्ति को पुण्य के कार्यों में रुचि रखने वाली, सुंदर, न्याय एवं नीति की बातें करने वाली, पति के लिए भाग्यशाली, शास्त्र अध्ययन करने वाली पत्नी प्राप्त होती है..!!

चंद्र ग्रहण का राशियो पर प्रभाव

 🌚🌚चंद्रग्रहण 30 नवंबर 2020  { भाग 2 } 🌚🌚

 

👉  30 नवंबर 2020 यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण होगा जिससे इसके सूतक का विचार नहीं होगा और सभी धार्मिक कार्य किए जा सकेंगे। 👈


🌚कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला ग्रहण🌚


👉कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा साल का अंतिम चंद्रग्रहण एक उपछाया चंद्रगहण होगा। इस चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा का बिंब कहीं से काला नहीं होगा बल्कि चंद्रमा की आभा कुछ समय के लिए मलिन हो जाएगी। अक्सर जब चंद्रग्रहण लगता है तो पहले चंद्रमा इस स्थिति से गुजरता है फिर चंद्रमा का बिंब काला दिखने लगता है। लेकिन इस ग्रहण में चंद्रमा का बिंब काला होने से पहले ही ग्रहण समाप्त हो जाएगा। इसलिए इसे ग्रहण नहीं उपछाया ग्रहण कहा जाएगा।


👉इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और भी बढ गया है क्योंकि इस दिन साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह चंद्रग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से देखा भी जा सकेगा। लेकिन यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण होगा जिससे इसके सूतक का विचार नहीं होगा और सभी धार्मिक कार्य किए जा सकेंगे। 


🌚चौथा चंद्र ग्रहण ;30 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पडेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।


 सूर्य ग्रहण;14 दिसंबर 2020 को लगने वाला है। 



⏰चंद्र ग्रहण समय: ⏰

 

⏰ कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाले चंद्रग्रहण का स्पर्श दिन में 1 बजकर 2 मिनट पर होगा।

⏰ ग्रहण का मध्य शाम 3 बजकर 13 मिनट पर होगा।

⏰ ग्रहण का मोक्ष शाम 5 बजकर 23 मिनट पर होगा।


➡️ यह चंद्रग्रहण भारत के कई हिस्सों में चंद्रोदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा इसलिए देश के कुछ हिस्सों में जहां चंद्रोदय शाम 5 बजकर 23 मिनट से पहले होगा वहां ग्रस्तोदय के रूप में चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा। अन्य स्थानों पर इस ग्रहण को लोग देख नहीं पाएंगे।


🌚कार्तिक पूर्णिमा का चंद्रग्रहण कहा दिखेगा🌚


👉कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में कोलकाता, असम, अरुणाचल, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड सहित अन्य उत्तर पूर्वी एवं मध्य पूर्वी भारत में दिखाई देगा। 

👉भारत के अलावा यह चंद्रग्रहण पाकिस्तान, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान, इंग्लैंड, आयरलैंड, नार्वे, अमेरिका, स्वीडन, फिनलैंड सहित प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखेगा।



📿 धर्मग्रंथों में उपछाया ग्रहण का महत्व 📿 

धर्मगंथों में उपछाया ग्रहण को ग्रहण नहीं माना गया है जिसके सूतक का विचार किया जाए। इसलिए उपछाया ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद नहीं होते, धर्म-कर्म, देवस्पर्श और पूजा पाठ किए जाते हैं। उपछाय़ा चंद्रग्रहण के प्रभाव भी बहुत अधिक नहीं होते हैं।



🕉卐0⃣ 1⃣ 🐑मेष :~ अ, ल, इ👉: ये ग्रहण आपके दूसरे स्थान पर लगा है और कुंडली में दूसरा स्थान धन  से, आर्थिक स्थिति , कमाई , परिवार  और आपके ससुराल से संबंध रखता है। साथ ही ये स्थान आपकी ताकत , आजादी , बोलने की शक्ति , आपके खान-पान  और धातु तथा रत्न आदि से संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको अपनी मेहनत के अनुसार धन लाभ जरूर होगा। आपकी आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी। कमाई का  नया साधन मिल सकता है। धातु और रत्न आदि से जुड़े लोगों को इस ग्रहण से काफी अच्छे लाभ मिल सकते हैं। आप हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर पायेंगे। खान-पान का ख्याल रखने से स्वास्थ्य अच्छा  रहेगा। परिवार और ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा। 


🕉卐0⃣2⃣🐂वृषभ :~ ब, व, उ👉: ये ग्रहण आपके पहले स्थान पर लगा है और कुंडली में पहला स्थान आपके शरीर , प्रेम-संबंधों , मान-सम्मान  और धर्म से संबंध रखता है। इसके अलावा आपकी योग्यता , जीवन में सुख , स्मरण शक्ति , मनोस्थिति  और चेहरे से भी पहले स्थान का संबंध है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से  शरीर में कोई  परेशानी  हो सकती है। शरीर में मुख्य रूप से आपको अपने चेहरे का ख्याल रखना चाहिए। इस दौरान  मन  विचलित हो सकता है। आप अपनी योग्यता का उचित फायदा नहीं उठा पाएंगे । सुख की कमी महसूस हो सकती है। किसी  चीज़ को रखकर भूल सकते हैं। इस दौरान धर्म के प्रति आपकी आस्था कुछ कम हो सकती है। मान-सम्मान पाने के लिये  आपको खुद  कोशिशें करनी पड़ेंगी।  प्रेम-संबंधों में थोड़ी नरमी बरतें ।


🕉*卐0⃣3⃣ 💑मिथुन :~  क, छ, 👉: ये ग्रहण आपके बारहवें स्थान पर लगा है और कुंडली में बारहवां स्थान शैय्या सुख , विदेश यात्रा  और व्यय से संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको शैय्या सुख का लाभ पाने में थोड़ी मुश्किलें आ सकती है। साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति कुछ डावांडोल  हो सकती है। किसी विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है।  पैसों के मामले में सावधानी बरतनी चाहिए। लेन-देन  से बचना चाहिए। खर्चों पर कंट्रोल करना चाहिए। 


🕉卐0⃣4⃣ 🦀कर्क :~ ड, ह👉: ये ग्रहण आपके ग्यारहवें स्थान पर लगा है और कुंडली में ग्यारहवां स्थान मुख्य रूप से आपकी आमदनी और कामना पूर्ति से संबंध रखता है। साथ ही इस स्थान का संबंध पिता की सम्पत्ति, आपकी प्रसन्नता, उच्च पद, क्रय-विक्रय और हाथी-घोड़े से है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपकी सारी इच्छाएं पूरी होगी। अगर आप जॉब करते हैं, तो आपको जल्द ही किसी उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होना भी निश्चित है। आपको पिता की सम्पत्ति से लाभ मिलेगा ।  खुशी बनी रहेगी।  जिनके पास हाथी या घोड़े हैं, उन लोगों को विशेष रूप से इस ग्रहण के लाभ मिलेंगे। 


🕉卐0⃣5⃣ 🦁सिंह :~ म, ट👉: ये ग्रहण आपके दसवें स्थान पर लगा है और कुंडली में दसवां स्थान आपके करियर से और आपके पिता की तरक्की से संबंध रखता है। साथ ही इस स्थान का संबंध कृषि कार्यों  और वैद्य अथवा डॉक्टर से है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको करियर में आगे बढ़ने के लिये  अधिक मेहनत करनी होगी। साथ ही आपके पिता को भी  तरक्की के लिये कोशिशें जारी रखनी होगी। कृषि संबंधी कार्य करते हैं, तो कोई भी फैसला अनुभवी की राय से लें। इसके अलावा वैद्य या डॉक्टर्स को भी अपने काम में सावधानी बरतने की जरूरत है। 


🕉卐0⃣6⃣ 👸🏼कन्या :~ प, ठ, ण👉 : ये ग्रहण आपके नवें स्थान पर लगा है और कुंडली में नवां स्थान आपके भाग्य का स्थान है। इस स्थान का संबंध गुरु , दान , धर्म , तीर्थ यात्रा  और पिता से है। साथ ही विज्ञान ,बुद्धि , भविष्य और आपके आहार से ये स्थान संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको भाग्य का फल जरूर मिलेगा। विज्ञान से जुड़े लोगों को विशेष तौर पर अपनी मेहनत का फल मिलेगा। गुरु और पिता से सहयोग मिलेगा। दान-धर्म के कार्यों में सहयोग देने से शुभ फल मिलेंगे । तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। बौद्धिक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। भविष्य उज्ज्वल रहेगा। संतुलित आहार आपकी सेहत को ठीक रखेगा। 


🕉卐0⃣7⃣ ⚖तुला :~ र, त👉 : ये ग्रहण आपके आठवें स्थान पर लगा है और कुंडली में आठवां स्थान आपकी आयु और आपके स्वास्थ्य से संबंध रखता है। ये चंद्रगहण आपके लिये अच्छा रहेगा। चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपका स्वास्थ्य बढ़िया रहेगा। आपकी आयु में बढ़ोतरी होगी।


🕉卐0⃣8⃣ 🦂वृश्चिक :~ न, य👉: ये ग्रहण आपके सातवें स्थान पर लगा है और कुंडली में सातवां स्थान आपके वैवाहिक जीवन , जीवनसाथी , पड़ोसियों और आपके व्यवहार से संबंध रखता है। साथ ही व्यापार में भागीदारी  और कर्ज से भी सातवें स्थान का संबंध है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। आपके वैवाहिक जीवन में कोई तीसरा व्यक्ति मुश्किलें खड़ी  कर सकता है।  ऐसे लोगों से सावधान रहें । आप साझेदारी में काम कर रहे हैं, तो आपकी भागीदारी बढ़ सकती है। पैसों के मामले में सतर्कता बरतनी चाहिए। काम बढ़ाने के लिये  कर्ज लेना पड़ सकता है। आपको इस दौरान सबके साथ अच्छा व्यवहार बनाकर रखना चाहिए। 


🕉卐0⃣9⃣ 🏹धनु :~ भ, ध,फ👉 : ये ग्रहण आपके छठे स्थान पर लगा है और कुंडली में छठा स्थान मित्र, शत्रु, रोग, भाईचारे और नौकर से संबंध रखता है। इस चंद्रगहण के प्रभाव से आपको दोस्तों का पूरा सहयोग मिलेगा। साथ ही शत्रु आपसे दूरी बनाकर रखेंगे। घर या ऑफिस में आपके नौकर आपके प्रति वफादार रहेंगे।


🕉卐1⃣0⃣ 🐏मकर :~ ख, ज👉 :  ये ग्रहण आपके पांचवें स्थान पर लगा है और कुंडली में पांचवां स्थान जीवन में विद्या , गुरु , विवेक , रोमांस , ऐश्वर्य , कला , मंत्र-यंत्र , योग , न्याय , जासूसी  और संतान से संबंध रखता है। इस चंद्रगहण के प्रभाव से आपको  विद्या का पूरा लाभ मिलेगा। गुरु आपके हर कदम पर साथ होंगे।  विवेक बना रहेगा। रोमांस के मामले में भी आप आगे रहेंगे। कला के क्षेत्र में मेहनत से लाभ कमायेंगे।  ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। कानूनी मामलों में भी चीज़ें आपके पक्ष में रहेंगी।  संतान से  हर तरह का लाभ मिलेगा। जोजासूसी संबंधी काम करते हैं, उन्हें हर तरह से मदद मिलने की उम्मीद है।


🕉卐1⃣1⃣⚱कुंभ :~ ग, स, श, ष👉 : ये ग्रहण आपके चौथे स्थान पर लगा है और कुंडली में चौथा स्थान माता, भूमि, भवन, वाहन, पशु से संबंध रखता है। साथ ही इस स्थान का संबंध आपके स्वभाव और बुढ़ापे से भी है। अगर आप बुजुर्ग हैं, तो आपके लिये ये ग्रहण काफी अच्छा है। इस दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।  माता से  लगाव बना रहेगा। आपको भूमि, भवन और वाहन का लाभ मिलेगा। जिनके घर में पशु आदि हैं, उन पर भी ग्रहण का सकारात्मक प्रभाव दिखायी देगा।


🕉卐1⃣2⃣🐠मीन :~ द, च👉: 

ये ग्रहण आपके तीसरे स्थान पर लगा है और कुंडली में तीसरा स्थान भाई-बहनों , आपकी अभिव्यक्ति ,पढ़ाई-लिखाई , नृत्य और गायन कला से, साथ ही आपके पराक्रम से और दूरभाष तथा फैक्स के काम से भी संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा। किसी के सामने अपनी बात रखने के लिये ये समय अच्छा है। आपके पराक्रम से लोग  प्रभावित होगे। पढ़ाई-लिखाई में भी आप आगे रहेंगे। जो लोग नृत्य और गायन कला से जुड़े हैं, उनके लिये भी ये ग्रहण शुभ फल देने वाला होगा। 

डॉ अशोक श्रीश्रीमाल

🌚🌚चंद्रग्रहण 30 नवंबर 2020 🌚🌚

 🌚🌚चंद्रग्रहण 30 नवंबर 2020 🌚🌚

  

                  

👉  30 नवंबर 2020 यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण होगा जिससे इसके सूतक का विचार नहीं होगा और सभी धार्मिक कार्य किए जा सकेंगे। 👈



🌚चौथा चंद्र ग्रहण ;30 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पडेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।



🌝दूसरा सूर्य ग्रहण;14 दिसंबर 2020 को लगने वाला है। 


⏰चंद्र ग्रहण समय: ⏰

   30 नवंबर 2020 


⏰ कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाले चंद्रग्रहण का स्पर्श दिन में 1 बजकर 2 मिनट पर होगा।


⏰ ग्रहण का मध्य शाम 3 बजकर 13 मिनट पर होगा।

⏰ ग्रहण का मोक्ष शाम 5 बजकर 23 मिनट पर होगा।


➡️ यह चंद्रग्रहण भारत के कई हिस्सों में चंद्रोदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा इसलिए देश के कुछ हिस्सों में जहां चंद्रोदय शाम 5 बजकर 23 मिनट से पहले होगा वहां ग्रस्तोदय के रूप में चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा। अन्य स्थानों पर इस ग्रहण को लोग देख नहीं पाएंगे।


🌚कार्तिक पूर्णिमा का चंद्रग्रहण   कहा दिखेगा🌚

👉कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में कोलकाता, असम, अरुणाचल, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड सहित अन्य उत्तर पूर्वी एवं मध्य पूर्वी भारत में दिखाई देगा। 

👉भारत के अलावा यह चंद्रग्रहण पाकिस्तान, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान, इंग्लैंड, आयरलैंड, नार्वे, अमेरिका, स्वीडन, फिनलैंड सहित प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखेगा।


🌒🌓🌔सूर्य🌕 ग्रहण:🌔🌓🌒 


🌝(1) जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती है।

🌝(2) चंद्रमा की वजह से जब सूर्य ढकने लगता है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं।

🌝(3) जब सूर्य का एक भाग छिप जाता है तो उसे आंशिक सूर्यग्रहण कहते हैं।

🌝(4) जब सूर्य कुछ देर के लिए पूरी तरह से चंद्रमा के पीछे छिप जाता है तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं।

🌝(5) पूर्ण सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या को ही होता है।


🌔🌓🌒चंद्र 🌑ग्रहण:🌒🌓🌔


🌚(1) जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है. इसे चंद्रग्रहण कहते हैं।


🌚(2) जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है।


🌚(3) चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है।


🌚(4) एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है, तभी चंद्रग्रहण लगता है।


🌚(5) सूर्यग्रहण की तरह ही चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है।


ग्रहण के समय में सात्विक बहोत सारे यंत्र मंत्र ओर तंत्र के प्रयोग तत्काल सिद्ध होते हे मंत्र 


💥 :  *विद्या वृद्धि मंत्र* :~ 💥

💎 " *ॐ नमो ॐ ह्रीँ श्रीँ क्लीँ वद वद वाग्वादिनी बुद्धिवर्धय ॐ ह्रीँ नम: स्वाहाः* "

💥 विधी:- ग्रहण के समय 12500 जाप करने से मंत्र सिद्ध होता है 


🔥*त्रीभूवन स्वामिनी मंत्र* 🔥


👉: वांच्छीतार्थ फल सिद्धि कारक मंत्र :👈


💥 "*ॐ ह्रीँ  अर्हत् उत्पत उत्पत स्वाहा:*"

ग्रहण के दिन मंत्र सिद्धा करके रोज १ माला गिनने से कार्य सिद्धा होते है।




⭐️ ~: *तंत्र प्रयोग* :~ 

👉ग्रहण समय हल्दी का गठिया मुँह मै रख का मौन रहेकर आपने ईस्ट मंत्र का जाप करनेका  ग्रहण स्पर्श से ग्रहण मोक्ष तक 

उसके बाद छाओ ( बिना सूर्य किरण कि जगा)  मै सुखा ने रख कर कभी कोई महत्व का काम हो तो उस हल्दी को गिस के तिलक करके जाने से कार्य सफलता मिलती है..


🤰*चंद्र ग्रहण मे गर्भवती महिलाओं की सावधानी*🤰


1️⃣ ग्रहण चाहे सूर्य हो या चंद्र ग्रहण, दोनों ही अपने बुरे प्रभाव के लिए जाने जाते हैं। ना केवल शास्त्रीय दृष्टि सेम वरन् साइंस ने भी ग्रहण की वजह से होने वाले बुरे प्रभावों को माना है। ग्रहण के दौरान कुछ सावधनियां बरतनी जरूरी हैं यह वैज्ञानिकों ने भी माना है, क्यूंकि ग्रहण के दौरान निकलने वाली तरंगे हमें हानि पहुंचा सकती हैं। 


2️⃣. गर्भवती महिलाओं पर होता है असर खासतौर से गर्भवती महिलाओं के लिए ग्रहण अन्य लोगों की तुलना में अधिक नुकसानदेह होता है। इसलिए उन्हें कुछ खास नियमों का पालन करना पड़ता है। दरअसल ग्रहण के दौरान ना गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर होने का डर होता है।  


3️⃣ऐसे होता है असर उदाहरण के तौर पर यदि सूर्य ग्रहण लगा है, और इस दौरान गर्भवती महिला सूरज की रोशनी में आ जाए तो सूर्य की किरणे गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर करती हैं। सूर्य की किरणों में उस समय कुछ ऐसी दूषित तरंगे मौजूद होती हैं, जो अजन्मे शिशु को प्रभावित करती हैं। 


4️⃣कुछ निर्देश इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे निर्देश बताने जा रहे हैं, जो ग्रहण के दौरान एक गर्ब्भवती महिला के जरूर काम आएंगे। यदि वह महिला इन निर्देशों का भली-भांति पालन करती है, तो उसके आने वाले बच्चे पर ग्रहण का कोई बुरा असर नहीं होगा। 


5️⃣स्नान करें सबसे पहली बात, ग्रहण आरंभ होने से पहले स्नान अवश्य करें। ग्रहण स्माप्त होने पर भी स्नान करना चाहिए। क्योंकि ग्रहण की तरंगों के कारण वातावरण दूषित हो जाता है, इसलिए यह जरूरी है कि गर्भवती महिला ग्रहण खत्म होने पर स्नान करके वापस शुद्ध हो जाए।  


6️⃣भोजन ना करें ग्रहण के दौरान वातावरण में जिन तरंगों का प्रवाह होता है, वे ना केवक जीवित वरन् बीजान वस्तुओं पर भी असर करती हैं। इसलिए ग्रहण से पहले जो खाना पका होता है या यहां तक कि घर में पड़ा पानी भी दूषित हो जाता है। 


8️⃣ नुकीली वस्तुओं से दूर रहें ग्रहण के दौरान एक गर्भवती महिला को नुकीली या तेज़-तरार वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। जैसे कि चाकू, कैंची, सुई, या पेन-पेनसिल भी। 


9️⃣ सब्जी ना काटें गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तुओं से ना केवल दूर, साथ ही उनका इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान गलती से भी सब्जी ना काटें, और जितना हो सके घर के कार्यों को ना करने का फैसला लें। 


1️⃣2️⃣बाहर ना निकलें यह ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए जानने योग्य सबसे जरूरी बात है।


 इस दौरान बाहर निकलने की भूल ना करें। ग्रहण की तरंगे आपके अजन्मे शिशु पर बुरा प्रभाव कर सकती हैं।


डॉ अशोक श्रीश्रीमाल

30 नवंबर 2020 को है वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण, जाने इससे जुड़ी खास बातें*

 *30 नवंबर 2020 को है वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण, जाने इससे जुड़ी खास बातें*


*30 नवंबर 2020 को चंद्रग्रहण है। यह इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण होगा। यह उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। विज्ञान में ग्रहण को एक खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है। जबकि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से ग्रहण को अशुभ माना जाता है। ग्रहण में लगने वाला सूतक का विचार किया जाता है। जानिए इस साल के आखिरी चंद्रग्रहण से जुड़ी सारी जानकारी।*


*किस समय लगेगा चंद्रग्रहण?*

*उपच्छाया से पहला स्पर्श- 30 नवंबर 2020 की दोपहर 1 बजकर 04 मिनट पर*


*परमग्रास- चन्द्र ग्रहण 30 नवंबर 2020 की दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर*


*उपच्छाया से अंतिम स्पर्श- 30 नवंबर 2020 की शाम 5 बजकर 22 मिनट पर।*


*किस राशि और नक्षत्र में लगेगा चंद्रग्रहण?*

ज्योतिष गणना के अनुसार, चंद्रग्रहण वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा जिसके कारण वृष राशि के जातकों पर ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। 


*ज्योतिषीय गणना के अनुसार, ग्रहण के दौरान वृष राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।*


*कहां-कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण?*

साल का आखिरी चंद्रग्रहण एशिया के कुछ देशों के साथ अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा यह ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा।


*सूतक का समय क्या रहेगा?*

ज्योतिय गणना के अनुसार इस बार चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा। दरअसल यह उपच्छाया चंद्रग्रहण है। इसलिए सूतक काल नहीं माना जाएगा। *सामान्य चंद्रग्रहण में सूतक ग्रहण से 9 घंटे पूर्व लग जाता है जो ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है।*


*12 राशियों पर प्रभाव*

मेष : लाभ

वृष : सावधानी

मिथुन : मिश्रित

कर्क : शुभ

सिंह : मध्यम

कन्या : हानि

तुला : धन प्राप्ति

वृश्चिक : खुशियां

धनु : तनाव समाप्त

मकर : हर्ष, रोजगार प्राप्ति

कुंभ : सफलता, उन्नति

मीन : सामान्य


                         

💚जाने बुध का गोचर किस राशि के लिए होगी भाग्यशाली बुध का वृश्चिक राशि में गोचर 28 नवंबर -17 दिसंबर 2020 कैसा होगा ये गोचर आपके लिए 💚

 💚 बुध का गोचर 💚 

💚बुध का वृश्चिक राशि में गोचर 28 नवंबर -17 दिसंबर 2020💚 



मै, डॉ अशोक श्रीश्रीमाल 12 राशी का फलादेश प्रस्तुत करता हू  वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, व्यापार और वाणी का कारक माना गया है। यह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। इसे कन्या राशि में उच्च का माना जाता है और मीन राशि में नीच का। इस ग्रह के बारे में खास बात यह है कि यह अपनी राशि कन्या में ही उच्च भी होता है और यही उसकी मूल त्रिकोण राशि भी है। अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र बुध के नक्षत्र हैं। नवग्रह मंडल में बुध को राजकुमार का दर्जा दिया गया है और जिस प्रकार एक राजकुमार सीखने की आयु में होता है उसी प्रकार बुध का स्वभाव है अर्थात यह स्वभाविक रुप से बुद्धि का परिचायक है जो हमें नई-नई चीजें सीखने के लिए जिज्ञासु बनाता है। इसके साथ ही संगति के असर के रूप में ये अति शुभ ग्रहों के साथ युति करें या संबंध बनाए तो शुभ फल तथा अशुभ ग्रहों से संयोग होने पर अशुभ फल देता है। बुध ग्रह वात, पित्त और कफ़ त्रिदोष उत्पन्न करने की सामर्थ्य रखता है और दिन और रात सर्वदा बली रहता है। बुध के वक्री होने से सामान्यता कुछ कार्यों में विलंब होता है और सफलता के लिए प्रयास थोड़े अधिक करने पड़ते हैं। लेकिन बुध वक्री अवस्था में अधिक अच्छे फल भी देता है और व्यापार तथा वाणिज्य में अच्छा फल प्रदान करता है। कोई भी ग्रह अपनी महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा में सर्वाधिक प्रभावशाली होता है और यदि उसे अनुकूल गोचर प्राप्त हो जाए तो फल पूर्णतया प्राप्त होते हैं। तो आइए अब विस्तार से जानते हैं बुध के इस गोचर का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होगा। 💚


गोचर काल का समय

बुध ग्रह आकाशीय क्षेत्र में सूर्य और शुक्र के सबसे करीब रहता है। 28 नवंबर को 06:53 बजे बुध वृश्चिक राशि में गोचर करेगा। जिसके बाद 17 दिसंबर तक यह इसी राशि में रहेगा और 11:26 बजे पर धनु राशि में चला जाएगा। यह ग्रह परिवर्तन आपको दृढ़ निश्चय प्रदान करने के साथ शोध कार्य में सहायक साबित होगा। इसके अलावा खुद को बेहतर समझने के लिए भी यह गोचर काफी अच्छा साबित होगा।


♥️卐0⃣ 1⃣ 🐑मेष :~ अ, ल, इ👉* :   मेष राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर उनके आठवें घर में हो रहा है। जिसे अनुसंधान, परिवर्तन और अनिश्चितता का प्रतिनिधि माना गया है। बुध मेष जातकों के साहस, प्रयासों, भाई-बहनों और अल्पकालिक यात्रा के तीसरे घर का नियंत्रण करता है। यह बात इस तरफ इशारा करती है कि बुध का यह गोचर मेष राशि के जातकों के लिए शुभ परिणाम लेकर नहीं आएगा।

जैसा कि बुध को संचार का स्वामी माना गया है और यह आपके भाषण और परिवार के दूसरे घर को प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शित कर रहा है इसका साफ मतलब है कि आपको इस दौरान बोलते समय अपने शब्दों का चयन बहुत ही सोच समझकर और सावधानी से करना होगा। अन्यथा आप किसी तरह के वाद-विवाद या मुसीबत में फंस सकते हैं। निजी जीवन में भी आपको शब्दों का चयन बहुत ही सोच समझ कर करना होगा अन्यथा आपके परिवार का माहौल खराब हो सकता है।

मेष राशि के जातकों को इस गोचर के दौरान अपने विचारों और ख्यालों को प्रभावशाली तरीके से व्यक्त करना थोड़ा मुश्किल साबित हो सकता है। जिससे आप अपने कार्य स्थल में अच्छा प्रदर्शन नहीं दिखा पाएंगे। जैसा कि यह प्रयासों और अनिश्चिताओं का घर माना जाता है ऐसे में इस गोचर के दौरान ऐसा मुमकिन है कि आपके प्रयास सही दिशा में नहीं जायें जिससे आपके जीवन में थोड़ी हताशा, क्रोध और तनाव भी पैदा होने की स्थिति बन सकती है।

ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि संयम से काम ले और किसी भी काम में जल्दबाजी ना दिखाएं। धैर्य रखें समय के साथ ही सही लेकिन सब काम सही से हो जाएगा। ऐसा करके आप अपनी ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं और इसका उपयोग किसी ऐसे काम में लगा सकते हैं जहां इसकी जरूरत हो। इस गोचर के दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें क्योंकि इस यात्रा से आपको लाभ तो नहीं होगा बल्कि उससे आपको नुकसान होने की संभावना ज्यादा है।

इस गोचर के दौरान आपके दुश्मन आप पर हावी होने की कोशिश कर सकते हैं या आप को नीचा दिखाने के लिए आप के खिलाफ साजिश या किसी तरह की योजना बनाने की कोशिश भी कर सकते हैं। इसलिए जितना हो सके इस समय सीमा के दौरान जागरूक रहें और सतर्क रहने का प्रयास करें। इसके अलावा इस गोचर के दौरान किसी भी तरह का कोई ऋण या लेनदारी लेने और देने से बचें।

तीसरा घर वैदिक ज्योतिष में भाई बहनों का भी प्रतिनिधित्व करता है ऐसे में यह बात इस तरफ इशारा करती है कि इस समय के दौरान आपके छोटे भाई-बहनों को उनके जीवन में कुछ कठिनाइयों या बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आपके और आपके भाई-बहनों के बीच कुछ ग़लतफहमी या मतभेद भी हो सकते हैं। वहीं बात स्वास्थ्य की की जाए इस दौरान आपके कान, कंधे और पेट से संबंधित कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही ना दिखाएं।  


♥️卐0⃣ 2⃣ 🐂वृषभ :~ ब, व, उ👉* :    वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर उनके सातवें घर में होगा। सातवाँ घर को जीवन साथी, रिश्तों और व्यापारिक साझेदारी का घर माना जाता है। ऐसे में बुध का यह गोचर वृषभ राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ परिणाम लेकर आने वाला साबित होगा। बुध आपके बच्चों, प्रेम और रोमांस का नियंत्रण करता है। ऐसे में अपने बच्चों के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताने का यह बहुत ही अच्छा समय होगा।

इस दौरान आप अपने बच्चों के साथ कहीं दूर जाने की योजना भी बना सकते हैं। जिससे आपके संबंध और ज्यादा मजबूत बनेंगे। वृषभ राशि के शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े छात्रों के लिए भी यह समय बेहद ही अनुकूल रहने वाला है। इस समय वह अपने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे क्योंकि बुध की यह स्थिति उनकी स्मरण शक्ति और उनके ध्यान में वृद्धि कराने के लिए बेहद मददगार साबित होगी।

वृषभ राशि के वह जातक जो व्यवसाय या साझेदारी के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं उन्हें यह समय अच्छा मुनाफ़ा दे सकता है इस दौरान उन्हें व्यवसाय में काफी लाभ होने की भी संभावना है। बुध के इस गोचर के दौरान वृषभ राशि के जातकों की प्रशासनिक क्षमताओं में वृद्धि होगी जिससे कार्य क्षेत्र में आपको बढ़त मिलेगी।

इस दौरान आप अपने काम और प्रयासों को ठीक से करने में सक्षम होंगे जिससे आपको अपने कार्य क्षेत्र में अच्छी सफलता और समृद्धि मिलने में मदद होगी। ऐसे में कुल मिलाकर देखा जाए तो यह गोचर आपके रिश्ते और प्रेम जीवन के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। हालांकि कभी-कभी आपका अहंकार और आक्रामकता रिश्तों में थोड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है, इसलिए सलाह दी जाती है कि अपने निर्णय लेने की शक्ति पर कभी भी अहंकार को हावी मत होने दें। 


♥️卐0⃣ 3⃣  💑मिथुन :~  क, छ, घ👉* : बुध को आपके प्रथम भाव जिससे आपके व्यक्तित्व, स्वभाव का पता चलता है और चतुर्थ जिससे माता, आंतरिक सुख, भूमि के बारे में विचार किया जाता है का स्वामित्व हासिल है। इस गोचर के दौरान बुध मिथुन राशि के छठे भाव में गोचर करेगा। यह घर मिथुन राशि वालों के लिए रोगों, शत्रु, बाधाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यानी कि यह बात साफ तौर पर इस तरफ इशारा करती है कि इस गोचर के दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखना होगा।

यदि आप ड्राइव करते हैं तो इस समय के दौरान आपको सतर्क रहना पड़ेगा, अन्यथा दुर्घटनाएँ हो सकती है। इसके अलावा इस समय आपको त्वचा और पेट से संबंधित कुछ समस्याएं भी आपको परेशान कर सकती हैं। कुल मिलाकर स्वास्थ्य के प्रति इस दौरान आपको बेहद सजग रहना होगा। पेशेवर लोगों के लिए अपने लक्ष्य और महत्वाकांक्षाओं को हासिल करने के लिए अन्य समय की तुलना में आपको इस समय ज्यादा प्रयास करना पड़ेगा और कड़ी मेहनत भी करनी पड़ेगी।

हालांकि इस समय के दौरान आपके सीनियर आपके काम की प्रशंसा करेंगे और हर समय आपके साथ खड़े रहेंगे। बावजूद इसके आपको अपने दुश्मनों से बचकर रहने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस दौरान वह आपको नीचा दिखाने के लिए कोई योजना बना सकते हैं जिससे आपका नुकसान होने की संभावना है। हालांकि अंत में आप अपने दुश्मनों पर आसानी से जीत हासिल कर सकेंगे। इस समय के दौरान किसी भी तरीके का लोन लेने से बचें। मार्केट में चल रहे मौजूदा रूझानों का पालन करने वाले व्यवसाई इस समय अवधि में ज्यादा सफल हो सकते हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि अगर सफलता पाना है तो अपने दृष्टिकोण में थोड़े फ्लैक्सिबल रहे। पारिवारिक जीवन की बात करें तो इस दौरान आपकी मां का स्वास्थ नाज़ुक रहने की संभावना है जो आपके लिए चिंता का कारण बन सकता है।

इसके अलावा जैसे छठा घर संघर्ष और टकराव का घर माना जाता है ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह के संघर्ष या तर्क वितर्क से दूर रहने की कोशिश करें। अन्यथा आप इस दौरान खुद को कानूनी लड़ाई में उलझा सकते हैं। हालांकि बुध परिवार के मातृ पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है ऐसे में आपको अपनी माता के परिवार की तरफ से कुछ लाभ या समर्थन मिलने के प्रबल संकेत हैं। इस समय के दौरान किसी भी तरह की संपत्ति की खरीद या बिक्री या नवीनीकरण करने से बचें क्योंकि इसमें आपको नुकसान होने की आशंका है। कुल मिलाकर यह समय जल्दबाजी में निर्णय लेने का नहीं बल्कि सचेत और सावधान रहने का समय है।


♥️卐0⃣4⃣ 🦀कर्क :~ ड, ह👉* :  बुध का यह गोचर कर्क राशि के जातकों के पांचवें घर में होने जा रहा है। पांचवा घर संतान, विचारों, बुद्धि, प्रेम, और रोमांस का प्रतिनिधित्व करता है। बुध का यह गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा। कर्क राशि के जो छात्र विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं इस समय उनके सपने पूरे हो सकते हैं। हालांकि इस राशि के शादीशुदा जातक अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर थोड़े चिंतित रहेंगे।

कर्क राशि के जातक जो रचनात्मक और कला के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें इस दौरान अपनी प्रतिभा दिखाने और सफल होने के कई अवसर मिलने की संभावना है। इसके अलावा कर्क राशि के जातक जो अपने शौक को अपने पेशे में बदलना चाहते हैं उन्हें भी इस समय के दौरान नए रास्ते या दिशा मिलने की संभावना है।

हालांकि इस अवधि में व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े जातकों को इस दौरान किसी भी तरह की सट्टा गतिविधियों में शामिल होने से दूर रहना चाहिए। अन्यथा ये सट्टेबाज़ी आपका भारी नुकसान करा सकती है। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर बात करें तो बुध की यह स्थिति आपकी ज़ुबान को थोड़ा कड़वा बना सकती है जिससे आपके और आपके प्रिय जनों के रिश्तों में थोड़ी खटास आने की संभावना है। इसीलिए कोई भी बात करने से पहले अपने शब्दों का उचित चयन अवश्य करें।

कर्क राशि के शादीशुदा जातकों के पार्टनर को इस समय अवधि में उनके कार्य क्षेत्र में काफी लाभ मिलने की संभावना है। हाँ लेकिन थोड़ा सावधान रहे क्योंकि किसी छोटी सी भी बात पर झड़प या मन मुटाव आप दोनों के बीच समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए अपने जीवन साथी या प्रियजन के साथ बातचीत के दौरान जितना हो सके नरम और स्पष्ट रहने की कोशिश करें। इससे अपनों के रिश्ते मजबूत बनेंगे और किसी तरह की लड़ाई की गुंजाईश कम रहेगी।  


♥️卐0⃣5⃣ 🦁सिंह :~ म, ट👉* : सिंह राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर उनके चौथे घर में होगा। चौथे घर को माता, भूमि, संप्रेक्षण, विलासिता और आराम का प्रतिनिधि माना जाता है। बुध सिंह राशि के जातकों के लिए बचत, संचित धन, और परिवार के दूसरे घर को नियंत्रित करता है। इसके अलावा बुध, सिंह राशि के जातकों के लिए सफलता, लाभ, और आय के घर को भी नियंत्रित करता है। यानी कि यह बात इस तरफ इशारा करती है कि इस गोचर अवधि के दौरान सिंह जातकों को शुभ परिणाम मिल सकते हैं।

बुध का यह गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए कई मायनों में अच्छा होने वाला है। इस दौरान उन्हें कुछ नया सीखने, कुछ नए अनुभवों के लिए यह समय बेहद अच्छा साबित होगा। कार्य क्षेत्र पर आपके सीनियर आपके काम की सराहना करेंगे और हर कदम पर आपका साथ देंगे। जिससे कार्य क्षेत्र पर आप अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे और आपको नई जिम्मेदारियां भी मिलेंगी।

इस समय अवधि में आप अपने अंदर और ज्यादा आत्मविश्वास महसूस करेंगे और आपका नेतृत्व का गुण भी इस दौरान उभर कर सामने आएगा। इससे आपको आपके कार्य क्षेत्र में बढ़त मिलने की प्रबल संभावना है। व्यक्तिगत रूप से भी यह समय आपके लिए बहुत अच्छा जाने वाला है। आप अपने परिवार के साथ इस समय के दौरान यादगार पल बिताएंगे।

परिवार के साथ की वजह से इस दौरान आपके जीवन में ख़ुशियाँ आएँगी और आपके जीवन में संतोष बना रहेगा। साथ ही इस दौरान आपकी माता जी के स्वास्थ्य में सुधार होने की संभावना है। जिसके चलते आपके घर में खुशी का माहौल बना रहेगा। इस समय के दौरान आप अपने किसी पुराने रिश्तेदार के साथ लंबे समय के बाद मिलेंगे जिससे आप बेहद खुश महसूस करेंगे। इसके अलावा इस अवधि के दौरान आप संपत्ति या कोई वाहन खरीद सकते हैं। जमीन या गाड़ी खरीदने के आपके प्रबल आसार बनते नजर आ रहे हैं। अगर आप लंबे समय से यह खरीदने का सोच रहे थे इस समय आपका यह ख़्वाब पूरा हो सकता है। इस समय अवधि में इस राशि के शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े जातकों का एकाग्रता के स्तर भी काफी बढ़ेगा जो उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर बनाने में मदद करेगा। 


♥️卐0⃣6⃣ 👸🏼कन्या :~ प, ठ, ण👉*    कन्या राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर उनके तीसरे भाव में होगा। तीसरा घर साहस, पराक्रम, भाई-बहन, यात्रा और संचार का प्रतिनिधित्व करता है। बुध की यह स्थिति आपको पहले से कहीं अधिक साहसिक निर्णय लेने में और दृढ़ बनाएगी। इस समय के दौरान आप अपने लक्ष्य और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई भी प्रयास करने से नहीं कतराएंगे।

जैसा कि बुध ग्रह सूचनाओं और विचारों के आदान-प्रदान का प्रतिनिधित्व करता है, ऐसे में यह गोचर आपको दूसरों को अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में भरपूर मदद करेगा। जो कि आपके जीवन के व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों ही क्षेत्रों में सफलता का कारक बनेगा। इसके अलावा इस राशि के जातक जो मार्केटिंग, सेल्स, और पब्लिक डीलिंग के क्षेत्र में जुड़े हैं उन्हें बुध का यह गोचर लाभ दिलाएगा।

हालांकि इस गोचर के प्रभाव से आप कभी-कभी दूसरों पर हावी होने की कोशिश करेंगे या उन पर अधिकार जमाने की कोशिश करेंगे। इसके अलावा आप इस दौरान दूसरों के बारे में नए और कठोर विचार भी उत्पन्न कर सकते हैं, जिसकी वजह से आपकी और आपके साथियों के बीच थोड़ी खटास आ सकती है। ऐसे में इस समय के दौरान ऐसी कोई भी हरकत करने से बचें।

साथ ही इस गोचर के दौरान आप अपने व्यवसाय या पेशे से संबंधित किसी छोटी यात्रा पर जा सकते हैं और यह यात्रा आपको लाभ दिलाने वाली साबित हो सकती है। इसके अलावा कुछ लोग जो अपनी नौकरी परिवर्तन का लम्बे समय से विचार कर रहे थे उन्हें भी बुध के इस गोचर के दौरान कुछ बेहतरीन अवसर मिल मिलने की संभावना है।

इस गोचर के दौरान आप अपने परिवार और अपने प्रिय जनों के प्रति अत्यधिक सुरक्षात्मक रवैया रखेंगे। आपका यह रवैया आपके पारिवारिक वातावरण में ख़ुशियाँ और आनंद लेकर आएगा। साथ ही इस समय के दौरान आपके भाई बहनों को उनके कार्य क्षेत्र में अपार सफलता मिलेगी जिससे एक बार फिर आपके घर में संतोष और खुशी का माहौल बना रहेगा। इस गोचर के दौरान आप अपने दोस्तों के साथ समय बिता सकते हैं और किसी नई दोस्ती की शुरुआत भी कर सकते हैं।

इस गोचर के प्रभाव से आप अपने पिता या पिता तुल्य लोगों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए ये समय बेहद ही शुभ साबित हो सकता है। साथ ही इससे आपको अपनी किसी भी पिछली ग़लतफहमी को दूर करने में भरपूर मदद मिलेगी। 



♥️卐0⃣7⃣ ⚖तुला :~ र, त👉* :  तुला राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर उनके दूसरे घर में होगा। दूसरा घर संचित धन, बचत, परिवार और भाषण का प्रतिनिधित्व करता है। तुला राशि के जातकों के लिए बुध का गोचर बेहद शुभ परिणाम देने वाला साबित होगा। इस गोचर के दौरान आपको आपके भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। जिससे आप किसी भी तरह के कार्यों और प्रयासों में सफलता हासिल करेंगे।

इस समय के दौरान बुध आपके लिए एक बेहद मजबूत धन योग की स्थिति बना रहा है ऐसे में इस गोचर के दौरान आपको धन की अच्छी आमद होगी। जैसा कि बुध विदेशी कनेक्शन के आपके घर को नियंत्रित करता है ऐसे में इस गोचर के दौरान आपको विदेशी कनेक्शन से लाभ या कोई अच्छी खबर मिलने की संभावना है। हालांकि इस गोचर के दौरान आपको कुछ खर्चे भी करने पड़ सकते हैं इसलिए सलाह दी जाती है कि बुध के इस गोचर के दौरान आप अपने व्यय और बचत के बीच उचित संतुलन बनाकर रखें। पारिवारिक व्यवसाय में शामिल होने वाले जातक इस समय के दौरान कई ऐसे अवसर पाएंगे जिससे उनके व्यवसाय को नई बुलंदियाँ मिलने की उम्मीद है।

व्यक्तिगत तौर पर इस गोचर के दौरान आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बताने की कोशिश करेंगे। जिससे आपके पारिवारिक रिश्तों में मधुरता बनेगी और आपका परिवार के साथ आपके रिश्ते भी मजबूत होंगे। गोचर अवधि के दौरान अपने परिवार के साथ आप किसी तीर्थ यात्रा या किसी लंबी दूरी की यात्रा की योजना भी बना सकते हैं।

हालांकि आपके पति या पत्नी के स्वास्थ इस समय थोड़ा चिंताजनक बना रहेगा। सलाह दी जाती है कि उनके स्वास्थ्य का भरपूर ध्यान रखें। इसके अलावा निवेश के संबंध में कोई भी जल्दबाजी में निर्णय ना लें वरना इससे आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। निवेश से संबंधित आप कोई निर्णय लेना चाहते हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि विशेषज्ञों की मदद लेकर ही ऐसा करें। इससे आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। इसके अलावा बात अगर आपके स्वास्थ्य की करें तो आपको उचित स्वच्छता और अपने दांतो के प्रति सजग रहने की सलाह दी जाती है। अन्यथा आपको दांतो और मुंह से संबंधित किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। 


♥️卐0⃣8⃣ 🦂वृश्चिक :~ न, य👉* :  वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध आठवें घर यानि कि दीर्घायु, परिवर्तन, अनुसंधान और ग्याहरवें घर यानि कि सफलता और लाभ को नियंत्रित करता है। इस गोचर के दौरान बुध आपके पहले घर में प्रवेश करेगा। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर अपनी दिशात्मक शक्ति में होगा, जिससे वृश्चिक जातकों को इस गोचर के मिश्रित परिणाम मिलने की संभावना है। सामाजिक रूप से संबंध बनाने के लिए बुध का यह गोचर आपके लिए काफी अच्छा साबित होगा। इससे आपको लंबे समय में फायदा भी हो सकता है।

ईमानदारी से किए गए प्रयासों से आपको प्रशासनिक और संगठनात्मक गुण आपको पेशेवर रूप से अच्छी सफलता देने में मदद करेंगे। इस गोचर के दौरान वृश्चिक राशि के जातकों को कुछ चिंता और तनाव से संबंधित मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है, जो आपके लिए चीजों को और अधिक जटिल बना सकता है और आपको जल्दबाजी में निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकता है। इस समय के दौरान आप खुद को कुछ अधिक पूर्णतावादी और आलोचनात्मक भी महसूस कर सकते हैं, जिससे आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों ही जीवन में कुछ समस्याएं खड़ी हो सकती हैं।

इसके अलावा इस समय आपको किसी तरह का कोई अचानक ही लाभ मिलने की प्रबल संभावना है। बुध के इस गोचर से आपकी जीवनशैली पर थोड़ा असर पड़ सकता है जिसके परिणाम स्वरूप आपके स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जिसके चलते आपको कुछ गैस्ट्रिक या पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इसलिए सलाह दी जाती है की जितना हो सके खुद को योग ध्यान या किसी तरह की शारीरिक गतिविधियों में शामिल करें। इससे आपको आपको आपकी ऊर्जा को सही दिशा में ले जाने में मदद मिलेगी और यह आपके स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आने वाली साबित होगी। इससे आपका मन भी शांत रहेगा। 


♥️卐0⃣9⃣ 🏹धनु :~ भ, ध,फ👉* :   धनु राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर उनके द्वादश घर में होगा जो व्यय और विदेशी स्रोतों का प्रतिनिधित्व करता है। बुध विवाह, व्यापार, साझेदारी और कैरियर के सातवें घर और पेशे के दसवें घर को नियंत्रित करता है। यह बात इस तरफ इशारा करती है कि यह गोचर विशेष रूप से विवाह और साझेदारी से संबंधित मिश्रित परिणाम लाने वाला साबित हो सकता है। हालांकि जो लोग मल्टीनेशनल मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे हैं या विदेश में अपना करियर बनाना चाहते हैं उन्हें इस गोचर के दौरान शुभ फल मिलने के प्रबल आसार हैं। इसके अलावा धनु राशि के वह जातक जो आयात-निर्यात के कारोबार से जुड़े हैं वह भी इस गोचर के दौरान मुनाफ़ा कमा सकते हैं।

गोचर के दौरान आपको विदेश से कुछ अच्छे प्रस्ताव मिल सकते हैं। जिनकी मदद से आप अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक स्थापित कर पाएंगे। सलाह दी जाती है कि इस समय के दौरान कोई भी फैसला लेने से पहले अपने संसाधनों का ख्याल रखें और उसी के अनुसार कोई भी फैसला लें अन्यथा आपको आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इस समय के दौरान अपने खर्चे के बारे में उचित योजना बनाएं और बजट बनाएं यह बेहद जरूरी है। इससे यह बात सुनिश्चित होगी कि आप महत्वपूर्ण चीजों के लिए आपके पास धन हमेशा पर्याप्त है।

हालांकि जीवन साथी को स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जिसकी वजह से आपको तनाव या चिंता होने की आशंका है। इसके अलावा इस समय आपका दवाइयों और मेडिकल बिल्स में काफी चर्चा होने वाला है। कुल मिलाकर इस समय अवधि के दौरान आपका स्वास्थ्य ठीक ही रहेगा लेकिन इस समय आपको नींद से जुड़ी कुछ समस्या हो सकती है। जिसकी वजह से आपको दृष्टि से जुड़ी या सिर दर्द की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं। इसीलिए सलाह दी जाती है कि 1 दिन में कम से कम 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद ले। जिससे आपके स्वास्थ्य में सकारात्मक परिणाम लाने में मदद मिलेगी। 


♥️卐1⃣0⃣ 🐏मकर :~ ख, ज👉* : सफलता, लाभ और आय के घर में बुध का यह गोचर मकर राशि के जातकों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। यह घर भाई बहनों के रिश्ते को भी दर्शाता है। यानि कि यह बात साफ है कि इस गोचर के दौरान आपको अपने बड़े भाई-बहनों और दोस्तों का अच्छा सहयोग मिलेगा। इस समय के दौरान आप अपने किसी पुराने दोस्त से मिल सकते हैं और यह मुलाकात आपके लिए कुछ नए अवसर लेकर आएगी।

गोचर के प्रभाव से आपको आपके कार्य क्षेत्र में भी लाभ मिलेगा। इस समय आपकी प्रतिस्पर्धी ऊर्जा चरम पर होगी जिससे आप किसी भी बाधा या परेशानी से आसानी से निपट सकेंगे। हालांकि आपको सलाह दी जाती है कि इस गोचर के दौरान अपने दुश्मनों से सावधान रहें क्योंकि इस समय वह आपको किसी प्रकार की हानि पहुंचा सकते हैं।

गोचर के दौरान आपको आपके भाग्य का पूरा-पूरा साथ मिलेगा। किसी कानूनी मामले में आपको जीत मिलने के आसार हैं। घर में होने वाले किसी धार्मिक पारिवारिक समारोह में आप खुलकर खर्च करने से बिल्कुल भी नहीं झुकेंगे। बुध की इस स्थिति में आपको और आपके जीवन साथी के बीच अच्छी समझ विकसित करती हुई नजर आएगी। जिससे आप दोनों के रिश्ते को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

कुल मिलाकर मकर राशि के जातकों के लिए यह गोचर शुभ परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान उनकी इच्छाओं की पूर्ति अवश्य होगी। हाँ लेकिन इस समय आपको सलाह दी जाती है कि धैर्य से काम लें क्योंकि आपकी समझदारी और परिपक्वता इस गोचर के दौरान आपको बेहतर परिणाम प्रदान करने में मदद करेगी। 


♥️卐1⃣1⃣ ⚱️कुंभ :~ ग, स, श, ष👉* : कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह का यह गोचर उनके दशम भाव में होने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष में दशम घर को समाज में प्रतिष्ठा, कैरियर और पेशे को दर्शाता है। बुध प्रेम, बुद्धि, संतान के पांचवें घर और अनुसंधान और परिवर्तन के आठवें घर को भी नियंत्रित करता है। यह बात इस तरफ इशारा करती है कि इस गोचर के दौरान इस राशि के जातकों को अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।

व्यावसायिक रूप से बात करें तो इस समय सीमा के दौरान आपको अपने विचारों को सफलतापूर्वक अपने सीनियर्स के सामने रखने में काफी मदद मिलेगी। जिससे आप अपने कार्य स्थल पर अपने अधीनस्थों और वरिष्ठ लोगों के बीच अपनी अलग छाप छोड़ने में कामयाब होंगे। इसके अलावा इस गोचर के प्रभाव से आप पुराने तरीकों को छोड़कर नए तरीकों को अपनाएंगे जिससे कार्य स्थल में आपकी अलग पहचान बनेगी।

इससे आपको अपने कार्य क्षेत्र पर अपने वरिष्ठ और उच्च प्रबंधन से सराहना मिलेगी और आपके काम को पहचान मिलेगी। इसके अलावा अगर आप पदोन्नति या वेतन वृद्धि की प्रतीक्षा कर रहे हैं तो इस गोचर के दौरान आपको अच्छी खबर मिल सकती है। व्यक्तिगत रूप से इस गोचर के प्रभाव से आप अपने और अपने जीवन साथी के रिश्तों में मधुरता पाएंगे। इस दौरान आपके प्यार में वृद्धि होगी इसके अलावा आपको अपने साथी से अच्छा सहयोग मिलने की संभावना है, जो आप दोनों के बीच के बंधन को और मजबूत बनाने में आपकी भरपूर मदद करेगा।

हालाँकि कुछ शादीशुदा जातक इस दौरान अपने बच्चों से जुड़ी कोई अच्छी खबर पा सकते हैं। इस खुशी से आपके और आपके बच्चों के बीच के रिश्ते और मजबूत बनेंगे। किसी तरह की प्रतियोगी या सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को इस दौरान उनके प्रयासों के शुभ परिणाम मिलने की संभावना है। 


♥️卐1⃣2⃣ 🐠मीन :~ द, च👉* :    मीन राशि के लिए बुध का गोचर उनके नौवें भाव में होगा जो उनके भाग्य, उच्च शिक्षा, और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करता है। संचार का ग्रह माने जाने वाले बुध ग्रह चौथे घर जिसे माता और आराम और सातवें घर यानी जीवन साथी और साझेदारी का नियंत्रण करता है। बुध का यह गोचर मीन राशि के शिक्षा संबंधित छात्रों के लिए काफी अच्छे परिणाम लेकर आएगा। जो छात्र विदेश में या अपने मन पसंदीदा विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं उनके सपने इस समय पूरे हो सकते हैं।

व्यक्तिगत रूप से यह समय अपने जीवन साथी के साथ समय बिताने के लिए एक अच्छा समय साबित हो सकता है। अगर आप दोनों के बीच कोई विवाद चल रहा है इस समय बात करके उसका हाल भी निकाला जा सकता है। मीन राशि के जातकों के उनकी माता के साथ संबंध सुधर सकते हैं। इस दौरान आप किसी लंबी दूरी की यात्रा या किसी तीर्थ स्थान पर अपने परिवार के साथ जाने का प्लान कर सकते हैं।

इस गोचर अवधि के दौरान आप उच्च शिक्षा और ज्ञान प्राप्त करने के लिए अधिक इच्छुक नजर आएँगे। व्यावसायिक रूप से इस समय के दौरान आपके सामने कई ऐसे मौके आएँगे जिससे आपके आय के स्रोत बढ़ेंगे। इस दौरान आप चल-अचल संपत्ति में निवेश कर सकते हैं। यह निवेश आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा।

करियर और शिक्षा के लिहाज से इस समय आपको अपने वरिष्ठ लोगों या शिक्षकों का अच्छा समर्थन मिलने की उम्मीद है। जिससे आपको अपने करियर में अच्छी दिशा पाने में मदद मिलेगी। सलाह दी जाती है कि इस समय आप योग में ध्यान लगाएँ जिससे आपकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा मिल सके। कुल मिलाकर यह गोचर आपके लिए अच्छे अच्छा साबित होगा। इस दौरान आपको अपने भाग्य का पूरा सहयोग मिलेगा। लंबे समय से लंबित आपकी इच्छाएं भी इस समय के दौरान पूरी हो सकती हैं।  


बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने के उपाय

💚👉1. बुध ग्रह से जुड़ी सामग्रियों जैसे- हरा वस्त्र, साबुत मूंग, हरे फल, कांसा, हाथी दांत, घी और पन्ना आदि का बुधवार के दिन दान करें।

💚👉2. किन्नरों को बुधवार के दिन हरी चूड़ियां दान करें।

💚👉3. बुधवार के दिन तोते को पिंजरे से मुक्त करें।

💚👉4. पढ़ाई के लिए किसी विद्यार्थी को धर्मशास्त्र की पुस्तकें प्रदान करें।

💚👉5. बहते जल में 250 ग्राम साबुत मूंग प्रवाहित करें।


तपागच्छाचार्य आचार्य. श्री. जिनचन्द्रसूरीश्र्वरजी म सा के मुताबिक़ वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है। 

💚👉बुध तर्क शक्ति, गणित, संचार, लेखन, व्यापार, वाणी और बुद्धि का कारक होता है। 

💚👉बुध स्वभाव से युवा और सात्विक ग्रह है। 

💚👉बुध ग्रह सर्वदा बलि होता है। 

💚👉बुध अच्छे ग्रहों के साथ शुभ फल देता है लेकिन क्रूर ग्रह का साथ मिलने पर बुरा फल देता है। 

💚👉बुध ग्रह त्रिदोष यानि वात, पित्त और कफ का कारक भी होता है। 

💚👉बुध मिथुन एवं कन्या राशि का स्वामी होता है। 

💚👉बुध कन्या राशि में यह उच्च भाव में रहता है। 

💚👉बुध मीन राशि में नीच भाव में स्थित होता है। 

💚👉बुध ग्रह प्रमुख रूप से बुद्धि, तर्क शक्ति, गणित, व्यापार और चेतना आदि का कारक कहा जाता है। 

💚👉बुध शुक्र और शनि के मित्र हैं 

💚👉बुध मंगल और चंद्रमा से शत्रुवत व्यवहार रखता है।  

💚👉बुध रंगों में हरा रंग और रत्नों में पन्ना बुध की प्रिय वस्तु है। 

💚👉बुध के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है।

💚👉बुध ग्रह सूर्य से युति करके बुधादित्य योग का निर्माण करता है।

१२ साल बाद मकर राशि में गुरु ग्रह, इन ३ राशि वालों पर जमकर बरसेगा पैसा*

 *१२ साल बाद मकर राशि में गुरु ग्रह, इन ३ राशि वालों पर जमकर बरसेगा पैसा*


✍🏻बृहस्पति देव १२ साल बाद अपनी नीच की राशि मकर में प्रवेश कर गये है, गुरु ने शुक्रवार २० नवंबर को ही मकर राशि में प्रवेश किया है डॉ अशोक श्रीश्रीमाल  के अनुसार कुंडली में बृहस्पति के बिगड़ने से शिक्षा में रुकावट, सोना गुम होना, पड़ोसियों से मतभेद और गुरु के न मिलने की दिक्कतें आती हैं, गुरु में अकेले कुंडली के ८ बाकी ग्रहों को कमजोर करने की ताकत होती है, हालांकि गुरु का ये गोचर कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों के लिए धन की बरसात जैसा माना जा रहा है, जानते हैं बारह राशियों का फल कथन.........

*१:-मेष राशि:-*  मेष राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर उनके दसवें घर मे हो रहा है, करियर और व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े मेष राशि के जातकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, स्वास्थ्य के लिहाज से आपके लिए कोई बड़ी समस्या नहीं है, इस अवधि के दौरान पारिवारिक जीवन संतोषजनक रहने वाला है और आपके सभी रिश्तों में शांति और सद्भाव बना रहेगा.!

*२:- वृषभ राशि:-* वृषभ राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर उनके नौवें घर में होने जा रहा है, करियर और व्यवसाय के क्षेत्र से संबंधित इस राशि के जातकों को अपने काम के संदर्भ में कुछ बड़ी सफलताएं प्राप्त हो सकती हैं, बड़े खर्चों से राहत मिलेगी, पारिवारिक जीवन के लिहाज से यह समय आपके लिए खुशनुमा और आरामदायक साबित होगा, आपको मानसिक रूप से ताजगी और प्रसन्नता हासिल होगी.!

*३:- मिथुन राशि:-* मिथुन राशि के जातकों के लिए गुरु दीर्घायु, विरासत से लाभ, अचानक लाभ या हानि के आठवें भाव में गोचर कर रहा है, आर्थिक मोर्चे पर आप इस दौरान अच्छी स्थिति में रहेंगे और आपको इस गोचर के दौरान कोई बड़ा खर्च भी नहीं उठाना पड़ेगा, हालांकि निजी जीवन में आपको कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, गुरु का यह गोचर आपके आठवें भाव में हो रहा है जो दीर्घायु को दर्शाता है, स्वास्थ्य के लिहाज से सब ठीक रहने वाला है।

*४:- कर्क राशि:-* कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु विवाह और साझेदारी के सातवें घर में गोचर कर रहा है, ग्यारहवें घर में बृहस्पति आर्थिक पक्ष के लिहाज से शुभ संकेत दे रहा है, आर्थिक पक्ष के लिहाज से आपको स्थिति अच्छी बनाए रखने के लिए फिजूलखर्ची या बेकार के खर्चों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है, व्यक्तिगत जीवन में कुछ संघर्षों से आप थोड़ा दुखी हो सकते हैं, इसलिए जीवन में किसी भी तरह की नकारात्मकता से दूर रहें.!

*५:- सिंह राशि:-* सिंह राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर आपके ऋण, शत्रु और रोगों के छठे घर में होने वाला है, बृहस्पति दूसरे और दसवें घर को दृष्टि दे रहा है, करियर और व्यवसाय के क्षेत्र से संबंधित जातकों के लिए यह समय थोड़ा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, आर्थिक मोर्चे के लिहाज से इस समय के दौरान आपके धन का प्रवाह बढ़ेगा और आपको विभिन्न स्रोतों से लाभ होगा, किसी मुद्दे या वाद विवाद के चलते आपका पारिवारिक जीवन थोड़ा परेशानियों भरा रह सकता है.!

*६:- कन्या राशि:-* कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु शनि के साथ आपके पंचम भाव में गोचर करेगा, व्यापार से जुड़े लोगों के लिए गुरु का यह गोचर शुभ साबित होगा, आर्थिक मोर्चे पर इस दौरान आपके जीवन में धन का अच्छा प्रभाव होगा और साथ ही आप अच्छा लाभ भी प्राप्त करेंगे, निजी जीवन में आप एक सुखद समय का अनुभव करेंगे साथ ही आप अपने करीबी दोस्तों के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे.!

*७:- तुला राशि:-* तुला राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर आपके आराम, मां और संपत्ति के चौथे घर में होने वाला है, इस राशि के व्यवसाय से जुड़े जातकों को वांछित परिणाम हासिल करने के लिए अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है, आपको सलाह दी जाती है कि अधिक रिटर्न की आस में कोई नया निवेश ना करें, इस अवधि के दौरान आप कोई नया वाहन या नया घर भी खरीद सकते हैं, पारिवारिक लिहाज से इस दौरान आपको मिले-जुले परिणाम हासिल होंगे.!

*८:- वृश्चिक राशि:-* वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर उनके भाई-बहन, साहस और संचार के तीसरे घर में होने जा रहा है, करियर और व्यवसाय के क्षेत्र से संबंधित जातकों के लिए यह समय शुभ साबित होगा, इस दौरान आप अपने व्यवसाय और करियर में अच्छी वृद्धि देखेंगे और साथ ही कोई उपयुक्त अवसर भी प्राप्त हो सकता है, इस दौरान आपको छोटी दूरी की यात्रा का भी सुख प्राप्त हो सकता है.!

*९:- धनु राशि:-* धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति का यह गोचर उनके दूसरे घर जिससे परिवार, धन और भाषण का घर माना जाता है, करियर और व्यवसाय से संबंधित जातकों को इस दौरान वांछित वृद्धि हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी, करियर के लिहाज से इस राशि के कुछ जातक अपने लिए ऐसे उपयुक्त वैकल्पिक रोजगार के अवसरों की तलाश कर सकते हैं, आर्थिक मोर्चे पर आप संतुष्ट रहने वाले हैं, परिवार से संबंधित आपके खर्चे बढ़ सकते हैं.!

*१०:- मकर राशि:-* मकर राशि के जातकों के लिए बृहस्पति और शनि युति में आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं, जिसे स्वयं और व्यक्तित्व का घर माना जाता है, आर्थिक मोर्चे पर आप इस दौरान एक आरामदायक स्थिति में रहने वाले हैं, रिश्तों के लिहाज से आप किसी करीबी के साथ मनमुटाव की स्थिति में पड़ सकते हैं, ऐसे मैं आपको सलाह दी जाती है कि, उस व्यक्ति के साथ बातचीत करें और अपनी परेशानियां सुलझाएं.!

*११:- कुंभ राशि:-* कुंभ राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर मोक्ष, हानि और विदेशी लाभ के बारहवें घर में होने जा रहा है, व्यवसाय और करियर से संबंधित जातकों को अपने काम को सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ सकता है, व्यावसायिक क्षेत्र अपने काम को बढ़ाने के लिए पैसा खर्च करने से बचना चाहिए, आर्थिक पक्ष के लिहाज से समय ज्यादा अनुकूल नहीं है, इसलिए उच्च रिटर्न की चाह में कोई नया निवेश ना करें.!

*१२:- मीन राशि:-* मीन राशि के जातकों के लिए गुरु का यह गोचर उनके ग्यारहवें घर में होने जा रहा है, करियर और व्यवसाय के क्षेत्र से संबंधित जातक इस दौरान अपने काम में विकास देखेंगे, साथ ही करियर से संबंधित जातक को अच्छे अवसर प्राप्त होंगे और उन्हें अपनी कड़ी मेहनत के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही इस राशि के व्यापार के क्षेत्र से जुड़े जातकों को अच्छे ग्राहकों के साथ कोई बड़ा सौदा करने का अवसर प्राप्त हो सकता है, वित्तीय मोर्चे पर आपकी इच्छाएं पूरी होंगी और आप वित्तीय मोर्चे पर खुद को मजबूत स्थिति में पाएंगे.!

शादी में तोरण क्यूँ मारते है?

 हिन्दू समाज में शादी में तोरण मारने की एक आवश्यक रस्म है।


जो सदियों से चली आ रही है। लेकिन अधिकतर लोग नहीं जानते कि यह रस्म कैसे शुरू हुई।


तोरण कैसे मारते हैं ?


तोरण को डोरी की मदद से शादी वाले घर के मुख्य दरवाजे कर लटका दिया जाता है। लटकाने की सुविधा ना हो तो कोई उसे पकड़ कर दरवाजे के पास खड़ा हो जाता है। कुछ जगह पंडित जी तोरण को हाथ में लेकर यह रस्म पूरी करवाते हैं।


दूल्हा जब घोड़ी पर बैठ कर आता है तो अपने साथ तलवार या कटार लेकर आता है। इस तलवार से वह उस तोरण पर हलकी चोट करता है। कुछ दुल्हे उसे जोर से मारते हैं कुछ धीरे और कुछ सिर्फ उसे तलवार से छूते है। इस प्रकार यह रस्म करने के बाद दूल्हा दुल्हन के घर में प्रवेश करके उससे शादी करता है।


तोरण मारने की रस्म क्यों की जाती है ?


दंत कथानुसार कहा जाता है कि एक तोरण नामक राक्षस था जो शादी के समय दुल्हन के घर के द्वार पर तोते का रूप धारण कर बैठ जाता था तथा दूल्हा जब द्वार पर आता तो उसके शरीर में प्रवेश कर दुल्हन से स्वयं शादी रचाकर उसे परेशान करता था।


एक बार एक राजकुमार जो विद्वान एवं बुद्धिमान था शादी करने जब दुल्हन के घर में प्रवेश कर रहा था अचानक उसकी नजर उस राक्षसी तोते पर पड़ी और उसने तुरंत तलवार से उसे मार गिराया व शादी संपन्न की। बताया जाता है कि तब से ही तोरण मारने की परंपरा शुरू हुई।


अब इस रस्म में दुल्हन के घर के दरवाजे पर लकड़ी का तोरण लगाया जाता है, जिस पर एक तोता (राक्षस का प्रतीक) होता है।


बगल में दोनों तरफ छोटे तोते होते हैं। दूल्हा शादी के समय तलवार से उस लकड़ी के बने राक्षस रूपी तोते को मारने की रस्म पूर्ण करता है।


तोरण क्या होता है ?


गांवों में तोरण का निर्माण खाती करता है, लेकिन आजकल बाजार में बने बनाए सुंदर तोरण मिलते हैं, जिन पर गणेशजी व स्वास्तिक जैसे धार्मिक चिह्न अंकित होते हैं और दूल्हा उन पर तलवार से वार कर तोरण (राक्षस) मारने की रस्म पूर्ण करता है। यानी दूल्हा राक्षस की जगह गणेशजी या धार्मिक चिन्हों पर वार करता है जो कि भारतीय परंपरा और धार्मिक दृष्टि से उचित नहीं है।


एक तरफ हम शादी में गणेश पूजन कर उनको रिद्धि-सिद्धि सहित शादी में पधारने का निमंत्रण देते हैं और दूसरी तरफ तलवार से वार कर उनका अपमान करते हैं, यह उचित नहीं है।


अत: तोरण की रस्म पर ध्यान रखकर परंपरागत राक्षसी रूपी तोरण ही लाकर रस्म निभाएं ।

गृह कलह से मुक्ति के कुछ सरल एवं आसान उपाय-*

 *गृह कलह से मुक्ति के कुछ सरल एवं आसान उपाय-*


कहा जाता है कि जिस घर में क्लेश होता है, वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता। हर किसी की अपने गृहस्थ जीवन में सुख और शांति की कामना होती है। घर और जीवन की खुशहाली ही व्यक्ति को जीवन में प्रगति के मार्ग पर ले जाती है। परिवार में व्याप्त कलह यानी की क्लेश से व्यक्ति का जीवन कठिनाइयों से भर जाता है। गृह क्लेश से बचने या उसे कम करने के लिए ज्योतिष एवं वास्तु के मिश्रित रुप का आधार लेकर कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं। हम आगे आपको ऐसे ही कुछ उपाय बता रहे हैं, जिनके इस्तेमाल से आपका जीवन सुखमय और खुशहाल बनाया जा सकता है।


*सोने की दिशा-*


आप किस दिशा में सिर और पैर करके सोते हैं यह गृह कलह में काफी अहम भूमिका निभाता है। गृह कलह से मुक्ति के लिए रात को सोते समय पूर्व की और सिर रखकर सोए। इससे आपको तनाव से राहत मिलेगी। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


*हनुमान उपासना-*


हनुमान जी की नियमित रूप से की गई उपासना आपको सभी प्रकार के संकट और गृह कलह से दूर रखता है। यदि कोई महिला गृह कलह से परेशान हैं तो भोजपत्र पर लाल कलम से पति का नाम लिखकर तथा ‘हं हनुमंते नम:’ का 21 बार उच्चारण करते हुए उस पत्र को घर के किसी कोने में रख दें। इसके अलावा 11 मंगलवार नियमित रूप से हनुमान मंदिर में चोला चढाएं एवं सिंदूर चढाएं। ऐसा करने से परेशानियों से राहत प्राप्त होगी।


*जलाभिषेक-*


प्रतिदिन सुबह में स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर मंदिर या घर पर शिवलिंग के सामने बैठकर शिव उपासना करें। आप ‘ऊँ नम: सम्भवाय च मयो भवाय च नम:। शंकराय च नम: शिवाय च शिवतराय च:।।’ मंत्र का 108 बार उच्चारण कर सकते हैं। इसके बाद आप शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। ऐसा नियमित करने से प्पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहती है।


*गणेश उपासना-*


यदि किसी घर में पति-पत्नी या बाप-बेटे के बीच कलह है या किसी भी बात पर विवाद चल रहा है तो इसमें गणेश उपासना फायदेमंद रहेगी। वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए आप नुक्ति के लड्डू का भोग लगाकर प्रतिदिन श्री गणेश जी और शक्ति की उपासना करे।


*चीटियों को भोजन-*


चीटियों के बिल के पास शक्कर या आटा व चीनी मिलाकर डालने से गृहस्थ की समस्याओं का निवारण होता है। ऐसा नियमित 40 दिन तक करें। ध्यान रखें कि इस प्रक्रिया में कोई नागा न हो।


  *कुमकुम लगाए-*


एक गेंदे के फूल पर कुमकुम लगाकर उसे किसी देव स्थान में मूर्ति के सामने रख दें। ऐसा करने से रिश्तों में आया तनाव और मतभेद दूर होते हैं। साथ ही छोटी कन्या को शुक्रवार को मीठी वस्तु खिलाने और भेंट करने से आपके संकटों का निवारण होता है।


 *तकिये में सिंदूर रखें-*


घर मे व्याप्त कलह क्लेश को कम करने के लिए पति-पत्नी को रात को सोते समय अपने तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया और कपूर रखें। सुबह में सूर्योदय से पहले उठकर सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर फेंक दें और कपूर को निकालकर अपने कमरे में जला दें। ऐसा करने से लाभ मिलेगा।


 *हल्दी की गांठ-*


ससुराल में सुखी रहने के लिए कन्या अपने हाथ से हल्दी की पांच साबुत गांठें, पीतल का एक टुकड़ा और थोड़ा-सा गुड़ ससुराल की दिशा की ओर फेंक दें। ऐसा करने से ससुराल में सुख एवं शांति का वास रहता है। पति-पत्नी के बीच प्रेम संबंध बने रहते हैं।


कैसा होगा 2021 जाने धनू से मीन राशि तक

 कैसा होगा 2021 जाने धनू से मीन राशि तक


🌸🌸महालक्ष्मी वर्ष 2020-21🌸🌸


डॉ अशोक श्रीश्रीमाल ने बताया कि दीपावली से नए वर्ष महालक्ष्मी वर्ष का आरंभ माना जाता है। इस महालक्ष्मी वर्ष में देवी लक्ष्मी की आप पर कितनी कृपा रहेगी? 


नौकरी, व्यवसाय, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन के लिए अगला एक साल यानी साल 2020 की दिवाली से 2021 की दिवाली तक का समय कैसा गुजरेगा 


*0⃣9⃣ 🏹धनु :~ भ, ध,फ👉* :  इस बार की दिवाली कुछ अलग अंदाज में मुस्कुराई है। 

👉अमावस की यह अंधेरी रात उजालों का दुशाला ओढ़ कर धनु राशि के लोगों को रोशन करने आई है। 

👉राशि के स्वामी ऋषि अंगिरा और मां सुरूपा के पुत्र बृहस्पति इस दिवाली पर अपनी ही राशि धनु में होंगे। 

👉20 नवंबर को जब बृहस्पति मकर में जाएगा, स्वर्ण पाद का दूसरा गुरु धन का आकस्मिक लाभ कराएंगे। 

👉5 अप्रैल को बृहस्पति कुंभ में कदम रखेगा, तनावग्रस्त कर सकता है। 

👉स्वर्ण चरण का तृतीय गुरु जीवनसाथी से मतभेद का सूत्रपात करेगा। 

👉देह में पीड़ा हो सकती है। 

👉16 सितंबर को गुरु जब उलटी चाल से मकर लौटेंगे, ताम्रचरण द्वितीय गुरु जेब गर्माहट देगा। 

👉शनि मकर में है। 

👉अतएव इस राशि के लोग साढ़ेसाती के अंतिम चरण को भोग रहे हैं। 

👉लौह पाद का दूसरा शनि धन की हानि करेगा। 

👉राहु वृष व केतु वृश्चिक में गतिशील हैं। 

👉विधाता का संकेत है कि लौह पाद का छठा राहु और बारहवां केतु कामयाबी की नींव रखेगा और होठों पर मुस्कान का सबब बनेगा। 

👉रुके काम बनने से आनंद मिलेगा। 

👉मनोबल से नए सोपान तय होंगे। 

👉परदेस से कोई बढ़िया समाचार हौसले की चादर में बेल-बूटे गढ़ेगा। 

👉आभामंडल का विस्तार होगा। 

👉किसी खास विषय पर किताब या ग्रंथ लिखने की इच्छा परवान चढ़ेगी और कुछ महीनों में फुस्स हो जाएगी। 

👉आपके भीतर से गंगा की तरह किसी सुप्त कला का प्राकट्य होगा। 

👉विरोधी सम्मान में इजाफा करेंगे पर अपने लोग ही पलीता लगाएंगे। 

👉किसी अपने के द्वारा उलटे आशीर्वचन से ठेस पहुंचेगी। 

👉बहस से बचें अन्यथा तिल का ताड़ नही पहाड़ बनेगा। 

👉उधार दिए धन की वापसी का वादा बार-बार कांच की तरह छन्न से टूट जाएगा। 

👉जिंदगी जलेबी सी नडर आएगी। 

👉कभी कसमसाएगी, कभी मुस्कुराएगी।

👉ग्रह मंत्र- ओम ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
👉शुभ रंग- लाल, पीला, सुनहरा
👉शुभ अंक– 3,9
👉शुभ ग्रह- सूर्य, चंद्रमा
👉शुभ दिशा– उत्तर-पूर्व



*1⃣0⃣ 🐏मकर :~ ख, ज👉* :  दीपावली का दीपक इस बार सूरज की तरह चमचमाएगा और मकर राशि वालों के जीवन में उजाला रोप जाएगा। 

👉इस राशि के मालिक सूर्यपुत्र शनि अपनी ही राशि मकर में गतिशील हैं। 

👉फलस्वरूप इस राशि के लोग शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण को भोग रहे हैं। 

👉स्वर्ण पाद का प्रथम शनि दैहिक कष्ट दे सकता है। 

👉यह शनि शिक्षा और अनुभवों से भविष्य में सम्मान प्रदान करेगा। 

👉राहु वृष व केतु वृश्चिक में रहेंगे और नई चुनौतियों से मुकाबला करेंगे। 

👉विधाता का संकेत है कि ताम्र पाद का पंचम राहु और एकादश केतु जीवन के सफ़हे पर नई उम्मीदें उकेरेगा। 

👉ऐश्वर्य और आनंद पलक पांवड़े बिछाएगी, जेब मुस्कुराएगी। 

👉संतान को परेशान हो सकती है। 

👉बृहस्पति धनु में है। 

👉20 नवंबर को बृहस्पति मकर में जाएगा, ताम्र पाद का पहला गुरु प्रतिष्ठा पर कीचड़ उड़ाएगा। 

👉5 अप्रैल को गुरु कुंभ में जाएगा, धन लाभ कराएगा। 

👉ताम्र पाद द्वितीय गुरु करियर को नया आयाम और ऊंचा मुकाम देगा। 

👉16 सितंबर को जब वक्री गुरु मकर में जाएंगे, दिल दुखाएंगे। 

👉स्वर्णपाद का पहला गुरु प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाता है। 

👉अल्पकालिक निवेश के परिणाम उद्विग्न कर सकते हैं। 

👉दिसंबर में आप कसमसाएंगे और स्वयं को किसी झमेले की चक्की में फंसा पाएंगे। 

👉संभाषण के दरमियान लफ्जों के चयन में सतर्क रहें और संप्रेषण से पहले हर शब्द को अपनी कसौटी पर तौल लें। 

👉भौतिक आकांक्षाएं और कामेच्छा दुर्बल होगी।

👉ग्रह मंत्र- ओम श्रीं प्रां प्रीं प्रौं स: शं शनेश्चराय नम:।
👉शुभ रंग- हरा, भूरा
👉शुभ अंक- 4,6
👉शुभ ग्रह- शुक्र, बुध, राहु
👉शुभ दिशा- पूर्व




*1⃣1⃣ ⚱️कुंभ :~ ग, स, श, ष👉* :  उजालों का पर्व दिवाली कुंभ राशि वालों के लिए अपने दामन की कंदीलों में दीप नही सूरज लेकर आया है।

👉इस महानिशा में न्यायाधीश शनि, अपने बासठ चंद्रमाओं को गले में मफलर की मानिंद लपेटे, स्वयं की राशि मकर में चक्रमण कर रहे हैं। 

👉लिहाजा इस राशि के लोग साढ़ेसाती के प्रथम चरण के अधीन है। 

👉ताम्रपाद का द्वादश शनि तनाव का सृजन करेगा। कर्ज में इजाफा हो सकता है। 

👉आर्थिक संकोच का सूत्रपात होगा। 

👉लेकिन सद आचरण से आनंद भी मिलेगा। 

👉राहु वृष और केतु वृश्चिक में हैं, शुभ कर्म में रुचि होगी। 

👉रजत पाद का चौथा राहु और दसवां केतु मनोबल बढ़ाएगा। 

👉अपनों से कष्ट मिल सकता है। 

👉आर्थिक संबल मिलेगा। 

👉बृहस्पति धनु राशि में हैं। 

👉20 नवंबर को बृहस्पति मकर में जाएगा, रजत पाद का द्वादश गुरु व्यय बढ़ाएगा। 

👉नेत्र में पीड़ा और पैरों तथा पीठ में दर्द रहेगा। 

👉5 अप्रेल को गुरु कुंभ में चरण रखेगा, भय का सूत्रपात करेगा। 

👉रजत पाद का पहला गुरु संपत्ति से लाभ देगा। 

👉16 सितंबर को गुरु उलटी चाल से मकर में जाएंगे। 

👉रजत पाद का द्वादश गुरु कोष में कमी करता है। 

👉यह गुरु सेहत पर भी उलटा असर डालेगा। 

👉भौतिक समृद्धि कायम तो रहेगी पर सुख उनसे नही, किसी आंतरिक अहसास से ही मिलेगा। 

👉देह के निचले और पृष्ठ भाग में पीड़ा हो सकती है। 

👉तंत्र-मंत्र की ओर रुझान होगा।
👉ग्रह मंत्र– ओम श्रीं प्रां प्रीं प्रौं स: शं शनेश्चराय नम:।
👉शुभ रंग- हरा, सफ़ेद
👉शुभ अंक- 5, 6
👉शुभ ग्रह- बुध, शुक्र
👉शुभ दिशा- उत्तर-पूर्व




*1⃣2⃣ 🐠मीन :~ द, च👉* :    दीपावली की रात दीपक की तरह मुस्कुराएंगे और मीन राशि के दामन में उम्मीद के जुगनू जगमगाएंगे। 

👉मीन राशि के मालिक ऋषि अंगिरा और मां सुरूपा के पुत्र बृहस्पति उजाले के पर्व पर अपनी ही राशि में विराजमान हैं। 

👉20 नवंबर को जब बृहस्पति मकर में चरण रखेगा, लौह पाद का एकादश गुरु जेब में गर्मी देगा। 

👉5 अप्रैल को जब बृहस्पति कुंभ में जाएगा, हीरे की तरह तराश कर काबिल बनाएगा। 

👉लौह चरण का द्वादश गुरु कारोबार में हानि और क्लेश का सूत्रपात करेगा।। 

👉16 सितंबर गुरु अपनी टेढ़ी चाल से मकर में प्रवेश करेगा। 

👉लौह पाद का एकादश गुरु उम्मीद से आधा लाभ देगा और तनाव दोगुना हो सकता है। 

👉शनि, मकर में हैं। 

👉रजतपाद का एकादश शनि करियर में कमाल करेगा। 

👉प्रतिष्ठा परवान चढ़ेगी। 

👉राहु वृष व केतु वृश्चिक में रहेंगे। 

👉विधाता का संकेत है कि स्वर्ण पाद का तीसरा राहु और नवां केतु सर्वत्र सफलता देगा और शुभ कार्यों को संपादित करेगा। 

👉नई उम्मीदें रोशन होंगी। 

👉मान-सम्मान को पंख लगेंगे। 

👉घर के बाहर पूछ बढ़ेगी। 

👉पर इस हफ़्ते ऐसा भी होगा, सपने ज़्यादा पर नींद आंखों में कुछ कम होंगी। 

👉बढ़ता खर्च बेचैन करेगा। 

👉थोड़ा थोड़ा क्रोध बढ़ेगा। 

👉जब बोलें मीठा ही बोलें। 

👉वरना रिश्तों पर फर्क पड़ेगा। 

👉वक्त ठंडी हवा की बयार सा आ रहा है और आपके लिए नवीन संभावनाओं व उम्मीदों का जखीरा ला रहा है। 

👉करियर में प्रतिष्ठा नए सोपान चढ़ेगी। 

👉बौद्धिक क्षमता की धार बढ़ेगी। 

👉आपकी क़ाबिलियत सबको नजर आएगी। 

👉कामेच्छा के घोड़ों पर काबू पाना होगा।
👉ग्रह मंत्र- ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
👉शुभ रंग- लाल, गुलाबी, मरून, पीला
👉शुभ अंक– 3,9
👉शुभ ग्रह- सूर्य, चंद्रमा
👉शुभ दिशा- उत्तर-पर्व

कैसा होगा 2021 जाने सिंह से वृछिक

 कैसा होगा 2021


🌸🌸महालक्ष्मी वर्ष 2020-21🌸🌸 


 दीपावली से नए वर्ष महालक्ष्मी वर्ष का आरंभ माना जाता है। इस महालक्ष्मी वर्ष में देवी लक्ष्मी की आप पर कितनी कृपा रहेगी? 

नौकरी, व्यवसाय, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन के लिए अगला एक साल यानी साल 2020 की दिवाली से 2021 की दिवाली तक का समय कैसा गुजरेगा 


*0⃣5⃣ 🦁सिंह :~ म, ट* : सिंह राशि वालों के लिए इस दिवाली का उदास जिंदगी की चादर में आनंद के साथ थकान, भागदौड़ और असंतुष्टि की कसीदाकारी करेगा। 

👉राशि स्वामी आदि ग्रह सूर्य मित्र बुध के साथ शुक्र की राशि तुला में दरबार लगाएंगे और आपका रसूख बढ़ाएंगे। 

👉शनिदेव अपनी ही राशि मकर में हैं। 

👉ताम्र चरण का छठा शनि कारोबार बढ़ाएगा और आर्थिक लाभ कराएगा। 

👉जिंदगी की बिसात पर नए उपक्रम या उद्यम से आनंद का सूत्रपात होगा। 

👉करियर में रसूख बढ़ेगा। 

👉राहु वृष व केतु वृश्चिक में गतिशील होंगे। 

👉लौह चरण का दशम राहु और चतुर्थ केतु विघ्न देकर आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगा पर मन में जिज्ञासा भर कर अनावश्यक वाद-विवाद में उलझाएगा और कारोबार की चलती गाड़ी पर ब्रेक लगाएगा। 

👉मतभेद से मानसिक उद्विग्नता बढ़ेगी। बृहस्पति धनु में हैं। 

👉20 नवंबर को जब बृहस्पति मकर में जाएगा, ताम्रचरण का षष्ठ गुरु पीठ और कमर में पीड़ा का कारक बनेगा। 

👉5 अप्रेल को गुरु जब कुंभ में प्रविष्ट होंगे, सुख का सबब बनेंगे। 

👉ताम्रचरण का सप्तम गुरु प्रतिष्ठा में धार देगा और वक्त को बड़ी अदा से संवार देगा। 

👉उत्तम दांपत्य सुख मिलेगा। बिना 

👉विचारे संभाषण से प्रतिष्ठा में कमी होगी। 

👉दिसंबर में उलटी परिस्थितियां मन खिन्न करेंगी। 

👉सत्ता से सुख मिलेगा। 

👉विदेश यात्रा मुमकिन है। 

👉जुलाई में अड़चने दूर होने से मानसिक शांति होगी। 

👉गलत फ़ैसले हानि का सबब बनेंगे।
👉ग्रह मंत्र- ओम घृणिः सूर्याय आदित्य श्रीं।
👉शुभ रंग- लाल, पीला, हरा
👉शुभ अंक- 1,5
👉शुभ ग्रह- बुध, सूर्य
👉शुभ दिशा- पूर्व, उत्तर 



*0⃣6⃣ 👸🏼कन्या :~ प, ठ, ण*    दीपों का यह महापर्व कन्या राशि वालों के लिए अदभुत परिणामों का साक्षी बनेगा। 

👉इस राशि के स्वामी ग्रह बौद्धिक क्षमता एवं वाणी के स्वामी बुध कहे जाते हैं, जिन्हें समस्त ग्रहों में राजकुमार की उपाधि प्राप्त है, वह शुक्र की राशि तुला में अपने मित्र सूर्य के साथ खिले-खिले नजर आएंगे। 

👉फलस्वरूप इस राशि के लोग कभी चहचहाएंगे और प्रगति की राह में नए शिखर पर नजर आएंगे। 

👉भौतिक सुख आकाश बनेगा। 

👉सही निर्णय से किस्मत की बाजी पलटेगी। 

👉इस दिवाली की कंदीलों के साये तले शनि मकर राशि में विश्राम करेंगे। 

👉ताम्र चरण का पंचम शनि सेहत को प्रभावित करेगा। 

👉कोई अच्छी खबर आएगी। 

👉राहु वृष व केतु वृश्चिक में रहेंगे। 

👉विधाता का संकेत है कि ताम्र पाद का नवम राहु और तृतीय केतु रुके हुए कार्यों को धक्का देगा और अल्पकालिक निवेश, फ़्यूचर ट्रेडिंग और सट्टे से धन का सत्यानाश करेगा, बृहस्पति अपनी ही राशि धनु में होंगे। 

👉20 नवंबर को गुरु मकर में अपना दण्ड कमण्डल रख कर सुख में वृद्धि करेंगे। 

👉ताम्र पाद का पंचम गुरु क़ानूनी सफलता देगा। 

👉5 अप्रैल को गुरु जब कुंभ में जाएगा, नाच नचाएगा। 

👉रजत पास का षष्ठ गुरु अनावश्यक दौड़भाग में वृद्धि करेगा। 

👉दिसंबर में यौन विकार की आशंका है, अर्थ लाभ होगा। 

👉आपके दांव से विरोधी भौंचक्के रह जाएंगे। 

👉सम्मान को लेकर सजग रहें। 

👉कोई करीबी व्यक्ति प्रतिष्ठा पर चोट पहुंचा सकता है। 

👉जलने वाले राख होंगे। 

👉कड़वे वचन परेशानी का कारक बनेंगे। 

👉किसी की बेवकूफी से माथे की लकीरें सिकुड़ेंगी। 

👉विपरीत लिंगी से हानि हो सकती है। 

👉कोई मामूली बात नासूर बन कर मानसिक तनाव देगी। 

👉प्रतिद्वंदियों से प्रतिष्ठा पर आंच आ सकती है। 

👉लेखनी के पैनेपन को सराहना मिलेगी।
👉ग्रह मंत्र- ओम ह्रीं बुं बुधाय नमः।
👉शुभ रंग- हरा, श्वेत
👉शुभ अंक- 5,6
👉शुभ ग्रह- शुक्र
👉शुभ दिशा- पश्चिम



*卐0⃣7⃣ ⚖️तुला :~ र, त* :  दिवाली की महानिशा सितारे कंदीलों में उतरकर जगमगाएंगे और अपने पिटारे में तुला राशि वालों को आनंद मिलेगा। 

👉इस राशि के स्वामी ग्रह भृगु ऋषि के पुत्र शुक्रदेव दिवाली पर बुध की राशि कन्या में विराज कर अनुष्ठान कर रहे हैं और आपकी खुशी का आवाहन कर रहे हैं। 

👉यह शुक्र वक्तृत्व और बौद्धिक चातुर्य से आनंद का सूत्रपात करता है। 

यह शुक्र आपको संकटों से उबार देगा और आपके ही मानसिक कौशल और हुनर से जीवन संवार देगा। 

👉शनि अपनी ही राशि मकर में हैं, आनंद और विषाद दोनों का प्रचुर मात्रा में संचार होगा। 

👉अढ़ैया का पूर्ण प्रभाव इस राशि पर नजर आएगा। 

👉रजत चरण का चतुर्थ शनि विरोधियों की संख्या बढ़ा कर पेशानी पर चुभने वाली सिलवटें उकेरेगा। राहु वृष व केतु धनु में रहेंगे। 

👉विधाता का संकेत है कि स्वर्ण पाद का अष्टम राहु और द्वितीय केतु सेहत पर नकारात्मक असर डालकर आपकी परीक्षा लेगा और धैर्य धारण करने वालों को आनंद की सौगातें देगा। 

👉बृहस्पति धनु में हैं। 

👉20 नवंबर को जब बृहस्पति मकर में प्रविष्ट होंगे, कष्ट देंगे। 

👉स्वर्ण चरण का चतुर्थ गुरु संपत्ति में से हानि का सृजन करता है। 

👉5 अप्रैल को गुरु कुंभ में जाएंगे और जश्न मनाएंगे। 

👉स्वर्ण पाद का पंचम गुरु चहुंओर से कामयाबी और समृद्धि देता है। 

👉16 सितंबर को वक्री गुरु मकर में जाएंगे और सुख-शांति में टांग अड़ाएंगे। 

👉रजत पाद का चौथा गुरु जमीन-जायदाद में धन गलाता है। 

👉स्वजनों से प्रतिष्ठा को चोट पहुंच सकती है। 

👉दिसंबर के बाद अचानक कानूनी झमेला उठ खड़ा हो सकता है। स्

👉थान परिवर्तन की संभावना है। 

👉राजनैतिक वरदहस्त से फ़ायदा होगा।

👉ग्रह मंत्र- ओम द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नमः।
👉शुभ रंग- श्वेत,
👉शुभ अंक- 6
👉शुभ ग्रह- बुध, शुक्र
👉शुभ दिशा- पश्चिम



*0⃣8⃣ 🦂वृश्चिक :~ न, य* : कंदीलों से किसी नन्हे बच्चे की मानिंद झांकती मासूम सी टिमटिमाती रोशनी इस बार हवा पर सवार है और दिवाली का दीया वृश्चिक राशि वालों के जीवन में कमाल करने को तैयार है। 

👉इस राशि के स्वामी मंगल इस दिवाली पर मीन में विराज कर हुनर और पराक्रम से जलवा दिखाने को तैयार है। 

👉शनि मकर राशि में गतिशील हैं। 

👉स्वर्ण पाद का तीसरा शनि कारोबार में झंडे गाड़ेगा पर मानसिक तनाव भी देगा। 

👉राहु वृष व केतु वृश्चिक में रहेंगे। 

👉विधाता का संकेत है कि रजत पाद का सप्तम राहु और प्रथम केतु शासन व सत्ता से कष्ट देगा और दाम्पत्य जीवन में बेचैनी का सूत्रपात करेगा। 

👉बृहस्पति धनु राशि में हैं। 

👉20 नवंबर को बृहस्पति जब मकर में कदम रखेगा, लौह पाद का तीसरा गुरु कंधे और पीठ में दर्द देगा। 

👉5 अप्रैल को गुरु अपना दण्ड कमण्डल लेकर कुंभ में जाएगा, लौहपाद का चतुर्थ गुरु जेब में सेंध लगाएगा। 

👉कुसंगति से हानि का योग है। 

👉16 सितंबर को गुरु वक्री होकर जब मकर में प्रविष्ट होगा, तो खेल करेगा। 

👉लौह चरण का तीसरा गुरु सेहत का बैंड बजाएगा। 

👉प्रतिष्ठा को ठेस लगेगी। 

👉जनवरी में चहुंओर से धनलाभ होगा। 

👉आम आदमी तो रोज़ पीता है पर मई में इस राशि के किसी बड़े व्यक्ति को अपमान का घूंट पीना पड़ सकता है। 

👉विदेश यात्रा हो सकती है। 

👉आपका सुप्त धैर्य अगले बरस छूटेगा नही, धमाके से फूटेगा। 

👉किसी के प्रति जलन की महक आपके आभामंडल को फीका करेगी। 

👉नए घर की चाहत पूरी होगी। 

👉जीवनसाथी के प्रेम और क्रोध की भेलपूरी कभी चैन, तो कभी बेचैनी प्रदान करेगी।

👉ग्रह मंत्र – ओम अं अंगारकाय नमः।
👉शुभ रंग- केसरिया, लाल
👉शुभ अंक– 3,9
👉शुभ ग्रह- सूर्य, मंगल
👉शुभ दिशा– दक्षिण

🌸 जाने कैसा होगा 2021 मेष से कर्क तक

 🌸🌸महालक्ष्मी वर्ष 2020-21🌸🌸 

   

      

डॉ अशोक श्रीश्रीमाल के मुताबिक  दीपावली से नए वर्ष महालक्ष्मी वर्ष का आरंभ माना जाता है। इस महालक्ष्मी वर्ष में देवी लक्ष्मी की आप पर कितनी कृपा रहेगी? 


नौकरी, व्यवसाय, स्वास्थ्य और पारिवारिक जीवन के लिए अगला एक साल यानी साल 2020 की दिवाली से 2021 की दिवाली तक का समय कैसा गुजरेगा ?


0⃣ 1⃣ 🐑मेष :~ अ, ल, इ :   उजाले का यह महापर्व मेष राशि वालों की आंखों में नए सपने बुनने को बेकरार है। 
👉राशि स्वामी ऊर्जा के पुंज व रुचक महापुरुष योग के प्रदाता मंगल गुरु की राशि मीन में दंड कमंडल ले कर आपको साहस और मौलिक विचारों के सामंजस्य से कामयाबी देने पर आमादा हैं। 

👉शनि मकर में है। 

👉लौह पाद का दशम शनि अधिकारों के दुरुपयोग की ओर प्रेरित करता है। 

👉राहु वृष में व केतु वृश्चिक में गतिशील हैं। 

👉लौह पाद का दूसरा राहु और आठवां केतु रिश्तेदारों से झमेले का कारण बनेगा। 

👉गुरु धनु में होंगे। 

👉20 नवम्बर को गुरु मकर में जाएँगे। 

👉ताम्रपाद का दशम गुरु आर्थिक कष्ट की आशंका से बेचैन करेगा। 

👉5 अप्रेल को गुरु कुंभ में प्रविष्ट होंगे। 

👉ताम्रपाद का एकादश गुरु आर्थिक स्थिति को संबल व पारिवारिक आनंद में वृद्धि करेगा। 

👉शारीरिक कष्ट संभव है। 

👉आपके किसी आचरण या बयान का विरोध हो होगा। 

👉कर्ज से तनाव मुमकिन है। 

👉अत्यधिक श्रम से दैहिक कष्ट प्राप्त होगा। 

👉नए आवास या स्थान परिवर्तन की संभावना बलवती हो रही है। 

👉प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगेगा। 

👉करियर में शुभ समाचार मिलेगा। 

👉जॉब में बदलाव संभव है। 


👉कारोबारियों को नए अवसर मिलेंगे। 

👉बढ़ता व्यय पेशानी पर चिन्ता की महीन सिलवटें उकेरेगा। 

👉सर में पीड़ा होगी। 

👉पर देह के कष्टों में कमी आएगी। 

👉ग़ैर नही, अपने आपकी बेचैनी का सबब बनेंगे। 

👉आपके वाहन से दूसरों को क्षति का योग बन रहा है। 

👉संतान को आर्थिक उलझन संभव है। 

👉कानूनी दांवपेंच परेशान करेंगे। 

👉माता पिता के सेहत की फिक्र होगी।

👉ग्रह मंत्र- ओम अं अंगरकाय नमः।
👉शुभ रंग– लाल
👉शुभ अंक– 9
👉शुभ ग्रह- सूर्य, वृहस्पति
👉शुभ दिशा– दक्षिण



0⃣ 2⃣ 🐂वृषभ :~ ब, व, उ :     वृष राशि वालों के लिए ढेर सारे चुनौतियों के साथ अवसर और खुशियां भी ला रही है। 

👉इस राशि के मालिक श्वेत वर्णी, दण्ड, कमल, माला और धनुष-बाण धारण करने वाले शुक्रदेव कन्या राशि में तुरही बजाएंगे। 

👉किसी की सुनें बिना बस अपने ही मन की बात सुनाएंगे। 

👉कन्या का शुक्र वाणी और वक्तृत्व क्षमता के जादू से कमाल करता है। 

👉शनि मकर राशि में हैं। 

👉ताम्रपद का नवम शनि जेब में सुराख़ करेगा। 

👉राहु आपकी राशि वृष में और केतु वृश्चिक में होंगे। 

👉स्वर्ण चरण का प्रथम राहु और सप्तम केतु जीवनसाथी के स्वास्थ्य से खुन्नस निकालेगा और मानसिक दबाव डालेगा। 

👉20 नवंबर को गुरु मकर में पधारेंगे। 

👉स्वर्णपाद का नवम गुरु मुट्ठी गरम करेगा। 

👉5 अप्रैल को गुरु कुंभ में अपना कमण्डल रखेंगे। 

👉स्वर्ण चरण का दशम गुरु भृकुटी चढ़ाएगा और अधिकारियों से छत्तीस का आंकड़ा बन सकता है। 

👉पर साथ ही चातुर्य, जुगाड़ और श्रम से लाभ के नए झरोखे खोलेगा। 

👉16 सितंबर को वक्री गुरु मकर में जाएंगे। 

👉तब रजत चरण का नवम गुरु बड़ी अदा से इतराएगा और आर्थिक स्थिति को सुरखाब के पंख लगाएगा। 

👉कानूनी पचड़ों में खर्च बढ़ सकता है। 

👉कारोबारी नए व्यवसाय की तलाश में आधे हुए जाएंगे। 

👉करियर में नया दर ढूंढने का ख़याल परेशानी पर सिलवटें लाएगा। 

👉दैहिक कष्ट सिनेमा के खलनायक सा डराएगा। 

👉श्रम इस बरस लाभ से ज्यादा त्रस्त कर सकता है। 

👉उलटे मार्ग से धनार्जन अंतत: कष्ट देगा। 

👉करियर में परिवर्तन से इस राशि के लोग मुस्कुराएंगे। 

👉कोई नकारात्मक समाचार अंतर्मन को शोक में डुबो देगा। 

👉विपरीत परिस्थितियों से मन में बेचैनी होगी। 

👉प्रतिद्वंदी दिवाली की गीली फुलझड़ियों से फुस्स होंगे।
👉ग्रह मंत्र- ओम वस्त्रं में देहि शुक्राय स्वाहा।
👉शुभ रंग- श्वेत, हरा
👉शुभ अंक- 5,6
👉शुभ ग्रह- शुक्र, बुध
👉शुभ दिशा- पश्चिम



0⃣ 3⃣  💑मिथुन :~  क, छ, घ : मिथुन राशि वालों का सूरज नए सोपान चढ़ेगा। 

👉उजाले का यह त्योहार जीवन में रोशनी के नए मानी गढ़ेगा। 

👉राशि स्वामी बुध अपने मित्र शुक्र की राशि तुला में मित्र सूर्य और शत्रु मंगल के साथ सोचनीय मुद्रा में मुस्कुरा रहे हैं। 

👉गोया किसी पहरे में ज़बरदस्ती पटाखे जला रहे हैं। 

👉शनि मकर राशि में मकड़जाल बुन रहे हैं, इस राशि के लोग शनि की अढ़ैया में खरामा खरामा बेहाल हो रहे हैं। 

👉स्वर्णपाद का अष्टम शनि आर्थिक तनाव व देह के निचले हिस्से में कष्ट दे सकता है। 

👉जगमगाते कंदीलों में इस साल दिए नही उम्मीदें कंपकंपाएंगी और कोरोना से खौफजदा इस विचित्र काल में भी देश-विदेश की यात्रा कराएगी। 

👉राहु वृष, केतु वृश्चिक में है। 

👉ताम्रचरण का द्वादश राहु और षष्ठ केतु खर्चों को रॉकेट लगाएगा और 👉वाद-विवाद तथा मुक़दमों में जीत दिलाएगा। 

👉गुरु धनु में हैं। 

👉20 नवंबर को गुरु मकर में जाएंगे, ठसक दिखाएंगे। 

👉रजत पाद का अष्टम गुरु पैसा गलाएगा। 

👉5 अप्रैल को गुरु कुंभ में चरण रखेंगे। 

👉रजत पाद का नवम गुरु पारिवारिक सुखों में सलमा-सितारे गढ़ेगा और 👉जेब को मोटे माल से ऊष्मा प्रदान करेगा। 

👉16 सितंबर को वक्री गुरु मकर में जाएंगे। 

👉कभी नाचेंगे, कभी नचाएंगे। 

👉स्वर्ण चरण का अष्टम गुरु कष्ट देगा और खर्च की नुकीली रसीदों से बटुए में सुराख़ करेगा। 

👉राजनैतिक चातुर्य बढ़ेगा। 

👉इस राशि के लोगों का कद सफलता की नई सीढ़ियाँ चढ़ेगा। 

👉पुराने शत्रु पराभूत होंगे और नई अदावत मुखर होगी। 

👉कानूनी काम में जेब ढीली होने से लक्ष्मी के चंचला होने का अहसास होगा। 

👉नई जगह जाने का अवसर मिलेगा। 

👉अधिक दौड़भाग व परिश्रम से तन और मन दोनों का बाजा बजेगा। 

👉पुराने करियर में नई अड़चनें जवान होंगी। 

👉किसी का आचरण पेशानी पर महीन पर चुभने वाली सिलवटें गढ़ेगा। 

👉नए वाहन का सुख मिलेगा।
👉ग्रह मंत्र- ओम बुं बुधाय नमः।
👉शुभ रंग– हरा, श्वेत
👉शुभ अंक– 5, 6
👉शुभ ग्रह- शुक्र, बुध
👉शुभ दिशा- पश्चिम



0⃣4⃣ 🦀कर्क :~ ड, ह:  

👉कर्क राशि मन, धन और संवेदना का स्वामी चंद्रमा उजालों के इस महापर्व पर मंगल की राशि वृश्चिक में शत्रु केतु के साथ पैठ लगाएगा और जिंदगी के समंदर से संघर्ष और तनाव के उपरांत नए मोती चुनकर लाएगा। 

👉शनि मकर में हैं। 

👉रजत चरण का सप्तम शनि रिश्तों में उलझन व देह में पीड़ा दे सकता है। 

👉किसी उम्मीद का दीपक बुझते-बुझते जल उठेगा। 

👉प्रतिष्ठा को आकाश मिलेगा। 

👉राहु वृष व केतु वृश्चिक में रहेंगे। 

👉रजत पाद का एकादश राहु और पंचम केतु करियर को तो चमकाएगा पर किसी रिश्ते में गांठ लगाएगा। 

👉संदेह से संबंधों का बंटाधार होगा। गुरु धनु में हैं। 

👉20 नवंबर को वह मकर में जाएगा। 

👉लौह का सप्तम गुरु आर्थिक लाभ कराएगा और रफ्ता रफ्ता दांपत्य जीवन को जलेबी सा उलझा कर आपकी वाट लगाएगा। 

👉5 अप्रैल को गुरु कुंभ में प्रविष्ट होंगे और बवाल करेंगे। 

👉लौह चरण का अष्टम गुरु जेब में सेंध लगाएगा और घर में क्लेश का सृजन करेगा। 

👉विपरीत परिस्थितियों से उदासी होगी। 

👉विधाता का संकेत है कि अगले बरस में किसी बहुप्रतीक्षित कार्य में गति से सुख आएगा। 

👉हिल स्टेशन में जाने का विचार त्याग दें वरना परेशानी होगी। 

👉मानसिक चंचलता से प्रतिष्ठा को ठेस लगेगी। 

👉अगले बरस मित्र साहस नही भय का संचार करेंगे। 

👉कानुनी अड़चनें बिन बुलाए मेहमान की मानिंद नाक में दम करेगी। 

👉सितंबर में अनुज के सहयोग से आर्थिक लाभ की पृष्ठभूमि बनेगी। 

👉अक्टूबर में जेब गरम और सेहत नरम होगी। 

👉बहस की भूल शूल बन कर चुभेगी। 

👉पराक्रम और साहस से जय जयकार होगी।

👉ग्रह मंत्र- ओम सों सोमाय नमः।
👉शुभ रंग- पीला, श्वेत
👉शुभ अंक- 1,3,6
👉शुभ ग्रह- शुक्र, मंगल, गुरु
👉शुभ दिशा- उत्तर-पूर्व