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चंद्र ग्रहण का राशियो पर प्रभाव

 🌚🌚चंद्रग्रहण 30 नवंबर 2020  { भाग 2 } 🌚🌚

 

👉  30 नवंबर 2020 यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण होगा जिससे इसके सूतक का विचार नहीं होगा और सभी धार्मिक कार्य किए जा सकेंगे। 👈


🌚कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला ग्रहण🌚


👉कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा साल का अंतिम चंद्रग्रहण एक उपछाया चंद्रगहण होगा। इस चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा का बिंब कहीं से काला नहीं होगा बल्कि चंद्रमा की आभा कुछ समय के लिए मलिन हो जाएगी। अक्सर जब चंद्रग्रहण लगता है तो पहले चंद्रमा इस स्थिति से गुजरता है फिर चंद्रमा का बिंब काला दिखने लगता है। लेकिन इस ग्रहण में चंद्रमा का बिंब काला होने से पहले ही ग्रहण समाप्त हो जाएगा। इसलिए इसे ग्रहण नहीं उपछाया ग्रहण कहा जाएगा।


👉इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और भी बढ गया है क्योंकि इस दिन साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह चंद्रग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से देखा भी जा सकेगा। लेकिन यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण होगा जिससे इसके सूतक का विचार नहीं होगा और सभी धार्मिक कार्य किए जा सकेंगे। 


🌚चौथा चंद्र ग्रहण ;30 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पडेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा।


 सूर्य ग्रहण;14 दिसंबर 2020 को लगने वाला है। 



⏰चंद्र ग्रहण समय: ⏰

 

⏰ कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाले चंद्रग्रहण का स्पर्श दिन में 1 बजकर 2 मिनट पर होगा।

⏰ ग्रहण का मध्य शाम 3 बजकर 13 मिनट पर होगा।

⏰ ग्रहण का मोक्ष शाम 5 बजकर 23 मिनट पर होगा।


➡️ यह चंद्रग्रहण भारत के कई हिस्सों में चंद्रोदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा इसलिए देश के कुछ हिस्सों में जहां चंद्रोदय शाम 5 बजकर 23 मिनट से पहले होगा वहां ग्रस्तोदय के रूप में चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा। अन्य स्थानों पर इस ग्रहण को लोग देख नहीं पाएंगे।


🌚कार्तिक पूर्णिमा का चंद्रग्रहण कहा दिखेगा🌚


👉कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में कोलकाता, असम, अरुणाचल, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड सहित अन्य उत्तर पूर्वी एवं मध्य पूर्वी भारत में दिखाई देगा। 

👉भारत के अलावा यह चंद्रग्रहण पाकिस्तान, ईरान, ईराक, अफगानिस्तान, इंग्लैंड, आयरलैंड, नार्वे, अमेरिका, स्वीडन, फिनलैंड सहित प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखेगा।



📿 धर्मग्रंथों में उपछाया ग्रहण का महत्व 📿 

धर्मगंथों में उपछाया ग्रहण को ग्रहण नहीं माना गया है जिसके सूतक का विचार किया जाए। इसलिए उपछाया ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट बंद नहीं होते, धर्म-कर्म, देवस्पर्श और पूजा पाठ किए जाते हैं। उपछाय़ा चंद्रग्रहण के प्रभाव भी बहुत अधिक नहीं होते हैं।



🕉卐0⃣ 1⃣ 🐑मेष :~ अ, ल, इ👉: ये ग्रहण आपके दूसरे स्थान पर लगा है और कुंडली में दूसरा स्थान धन  से, आर्थिक स्थिति , कमाई , परिवार  और आपके ससुराल से संबंध रखता है। साथ ही ये स्थान आपकी ताकत , आजादी , बोलने की शक्ति , आपके खान-पान  और धातु तथा रत्न आदि से संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको अपनी मेहनत के अनुसार धन लाभ जरूर होगा। आपकी आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी। कमाई का  नया साधन मिल सकता है। धातु और रत्न आदि से जुड़े लोगों को इस ग्रहण से काफी अच्छे लाभ मिल सकते हैं। आप हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर पायेंगे। खान-पान का ख्याल रखने से स्वास्थ्य अच्छा  रहेगा। परिवार और ससुराल पक्ष से सहयोग मिलेगा। 


🕉卐0⃣2⃣🐂वृषभ :~ ब, व, उ👉: ये ग्रहण आपके पहले स्थान पर लगा है और कुंडली में पहला स्थान आपके शरीर , प्रेम-संबंधों , मान-सम्मान  और धर्म से संबंध रखता है। इसके अलावा आपकी योग्यता , जीवन में सुख , स्मरण शक्ति , मनोस्थिति  और चेहरे से भी पहले स्थान का संबंध है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से  शरीर में कोई  परेशानी  हो सकती है। शरीर में मुख्य रूप से आपको अपने चेहरे का ख्याल रखना चाहिए। इस दौरान  मन  विचलित हो सकता है। आप अपनी योग्यता का उचित फायदा नहीं उठा पाएंगे । सुख की कमी महसूस हो सकती है। किसी  चीज़ को रखकर भूल सकते हैं। इस दौरान धर्म के प्रति आपकी आस्था कुछ कम हो सकती है। मान-सम्मान पाने के लिये  आपको खुद  कोशिशें करनी पड़ेंगी।  प्रेम-संबंधों में थोड़ी नरमी बरतें ।


🕉*卐0⃣3⃣ 💑मिथुन :~  क, छ, 👉: ये ग्रहण आपके बारहवें स्थान पर लगा है और कुंडली में बारहवां स्थान शैय्या सुख , विदेश यात्रा  और व्यय से संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको शैय्या सुख का लाभ पाने में थोड़ी मुश्किलें आ सकती है। साथ ही आपकी आर्थिक स्थिति कुछ डावांडोल  हो सकती है। किसी विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है।  पैसों के मामले में सावधानी बरतनी चाहिए। लेन-देन  से बचना चाहिए। खर्चों पर कंट्रोल करना चाहिए। 


🕉卐0⃣4⃣ 🦀कर्क :~ ड, ह👉: ये ग्रहण आपके ग्यारहवें स्थान पर लगा है और कुंडली में ग्यारहवां स्थान मुख्य रूप से आपकी आमदनी और कामना पूर्ति से संबंध रखता है। साथ ही इस स्थान का संबंध पिता की सम्पत्ति, आपकी प्रसन्नता, उच्च पद, क्रय-विक्रय और हाथी-घोड़े से है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपकी सारी इच्छाएं पूरी होगी। अगर आप जॉब करते हैं, तो आपको जल्द ही किसी उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होना भी निश्चित है। आपको पिता की सम्पत्ति से लाभ मिलेगा ।  खुशी बनी रहेगी।  जिनके पास हाथी या घोड़े हैं, उन लोगों को विशेष रूप से इस ग्रहण के लाभ मिलेंगे। 


🕉卐0⃣5⃣ 🦁सिंह :~ म, ट👉: ये ग्रहण आपके दसवें स्थान पर लगा है और कुंडली में दसवां स्थान आपके करियर से और आपके पिता की तरक्की से संबंध रखता है। साथ ही इस स्थान का संबंध कृषि कार्यों  और वैद्य अथवा डॉक्टर से है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको करियर में आगे बढ़ने के लिये  अधिक मेहनत करनी होगी। साथ ही आपके पिता को भी  तरक्की के लिये कोशिशें जारी रखनी होगी। कृषि संबंधी कार्य करते हैं, तो कोई भी फैसला अनुभवी की राय से लें। इसके अलावा वैद्य या डॉक्टर्स को भी अपने काम में सावधानी बरतने की जरूरत है। 


🕉卐0⃣6⃣ 👸🏼कन्या :~ प, ठ, ण👉 : ये ग्रहण आपके नवें स्थान पर लगा है और कुंडली में नवां स्थान आपके भाग्य का स्थान है। इस स्थान का संबंध गुरु , दान , धर्म , तीर्थ यात्रा  और पिता से है। साथ ही विज्ञान ,बुद्धि , भविष्य और आपके आहार से ये स्थान संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको भाग्य का फल जरूर मिलेगा। विज्ञान से जुड़े लोगों को विशेष तौर पर अपनी मेहनत का फल मिलेगा। गुरु और पिता से सहयोग मिलेगा। दान-धर्म के कार्यों में सहयोग देने से शुभ फल मिलेंगे । तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। बौद्धिक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। भविष्य उज्ज्वल रहेगा। संतुलित आहार आपकी सेहत को ठीक रखेगा। 


🕉卐0⃣7⃣ ⚖तुला :~ र, त👉 : ये ग्रहण आपके आठवें स्थान पर लगा है और कुंडली में आठवां स्थान आपकी आयु और आपके स्वास्थ्य से संबंध रखता है। ये चंद्रगहण आपके लिये अच्छा रहेगा। चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपका स्वास्थ्य बढ़िया रहेगा। आपकी आयु में बढ़ोतरी होगी।


🕉卐0⃣8⃣ 🦂वृश्चिक :~ न, य👉: ये ग्रहण आपके सातवें स्थान पर लगा है और कुंडली में सातवां स्थान आपके वैवाहिक जीवन , जीवनसाथी , पड़ोसियों और आपके व्यवहार से संबंध रखता है। साथ ही व्यापार में भागीदारी  और कर्ज से भी सातवें स्थान का संबंध है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। आपके वैवाहिक जीवन में कोई तीसरा व्यक्ति मुश्किलें खड़ी  कर सकता है।  ऐसे लोगों से सावधान रहें । आप साझेदारी में काम कर रहे हैं, तो आपकी भागीदारी बढ़ सकती है। पैसों के मामले में सतर्कता बरतनी चाहिए। काम बढ़ाने के लिये  कर्ज लेना पड़ सकता है। आपको इस दौरान सबके साथ अच्छा व्यवहार बनाकर रखना चाहिए। 


🕉卐0⃣9⃣ 🏹धनु :~ भ, ध,फ👉 : ये ग्रहण आपके छठे स्थान पर लगा है और कुंडली में छठा स्थान मित्र, शत्रु, रोग, भाईचारे और नौकर से संबंध रखता है। इस चंद्रगहण के प्रभाव से आपको दोस्तों का पूरा सहयोग मिलेगा। साथ ही शत्रु आपसे दूरी बनाकर रखेंगे। घर या ऑफिस में आपके नौकर आपके प्रति वफादार रहेंगे।


🕉卐1⃣0⃣ 🐏मकर :~ ख, ज👉 :  ये ग्रहण आपके पांचवें स्थान पर लगा है और कुंडली में पांचवां स्थान जीवन में विद्या , गुरु , विवेक , रोमांस , ऐश्वर्य , कला , मंत्र-यंत्र , योग , न्याय , जासूसी  और संतान से संबंध रखता है। इस चंद्रगहण के प्रभाव से आपको  विद्या का पूरा लाभ मिलेगा। गुरु आपके हर कदम पर साथ होंगे।  विवेक बना रहेगा। रोमांस के मामले में भी आप आगे रहेंगे। कला के क्षेत्र में मेहनत से लाभ कमायेंगे।  ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। कानूनी मामलों में भी चीज़ें आपके पक्ष में रहेंगी।  संतान से  हर तरह का लाभ मिलेगा। जोजासूसी संबंधी काम करते हैं, उन्हें हर तरह से मदद मिलने की उम्मीद है।


🕉卐1⃣1⃣⚱कुंभ :~ ग, स, श, ष👉 : ये ग्रहण आपके चौथे स्थान पर लगा है और कुंडली में चौथा स्थान माता, भूमि, भवन, वाहन, पशु से संबंध रखता है। साथ ही इस स्थान का संबंध आपके स्वभाव और बुढ़ापे से भी है। अगर आप बुजुर्ग हैं, तो आपके लिये ये ग्रहण काफी अच्छा है। इस दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।  माता से  लगाव बना रहेगा। आपको भूमि, भवन और वाहन का लाभ मिलेगा। जिनके घर में पशु आदि हैं, उन पर भी ग्रहण का सकारात्मक प्रभाव दिखायी देगा।


🕉卐1⃣2⃣🐠मीन :~ द, च👉: 

ये ग्रहण आपके तीसरे स्थान पर लगा है और कुंडली में तीसरा स्थान भाई-बहनों , आपकी अभिव्यक्ति ,पढ़ाई-लिखाई , नृत्य और गायन कला से, साथ ही आपके पराक्रम से और दूरभाष तथा फैक्स के काम से भी संबंध रखता है। इस चंद्रग्रहण के प्रभाव से आपको भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा। किसी के सामने अपनी बात रखने के लिये ये समय अच्छा है। आपके पराक्रम से लोग  प्रभावित होगे। पढ़ाई-लिखाई में भी आप आगे रहेंगे। जो लोग नृत्य और गायन कला से जुड़े हैं, उनके लिये भी ये ग्रहण शुभ फल देने वाला होगा। 

डॉ अशोक श्रीश्रीमाल