डॉ अशोक श्रीश्रीमाल ने बताया धनतेरस यानी अपने धन, भाग्य और आरोग्य को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का दिवस इस दिन यमराज और भगवान धनवंतरी के साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के स्वामी कुबेर की पूजा का बड़ा महत्त्व है।
महर्षि धन्वंतरी को आयुर्वेद व स्वस्थ जीवन प्रदान करने वाले देवता के रूप में भी पूजनीय है, स्वस्थ जीवन के लिए स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरी की आराधना की जाती है।
शास्त्रों के अनुसार भगवान धनवंतरी देवताओं के वैद्य हैं। इनकी भक्ति और पूजा से रोगों से मुक्ति एवं आरोग्य सुख - स्वास्थ्य मिलता है। मान्यता है कि भगवान धनवंतरी विष्णु के अंशावतार हैं। संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरी का अवतार लिया था।
*धनवंतरि की पूजा*
रोगनाश की कामना के लिए भगवान धनवंतरि के मंत्र का जाप करें-
1 - *ऊँ रं रूद्र रोगनाशाय धन्वन्तर्ये फट्।।*
2 - *सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।*
*गूढं निगूढं औषध्यरूपं, धनवंतरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।*
*धन सम्पदा और ऐश्वर्य के लिए कुबेर की पूजा*
समस्त धन सम्पदा और ऐश्वर्य के स्वामी कुबेर के लिए धनतेरस के दिन शाम को 13 दीप समर्पित किए जाते हैं।
मंत्र
= *ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्यादिपतये धनधान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।।* =
= *लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए मंत्र* =
लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए अष्टदल कमल बनाकर कुबेर, लक्ष्मी एवं गणेश जी की स्थापना कर उपासना की जाती है। इस अनुष्ठान में पांच घी के दीपक जलाकर और कमल, गुलाब आदि पुष्पों से उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजन करना लाभप्रद होता है।
- *ओम् श्रीं श्रीयै नम:*
-== *मान्यता अनुसार धनतेरस पर करने योग्य कुछ ज्योतिष उपाय* ==
- यदि आप धनतेरस के दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक में दो काली गुंजा डाल दें, तो साल भर आर्थिक अनुकूलता बनी रहेगी। आपका उधार दिया हुआ धन भी प्राप्त हो जाएगा।
- यदि आपके संचित धन का लगातार खर्च हो रहा है तो धनतेरस के दिन पीपल के पांच पत्ते लेकर उन्हे पीले चंदन में रंगकर बहते हुए जल में छोड़ दें।
- बरगद से पांच फल लाकर उसे लाल चंदन में रंगकर नए लाल वस्त्र में कुछ सिक्कों के साथ बांधकर अपने घर अथवा दुकान में किसी कील से लटका दें।
- यदि आपको अचानक धन लाभ की आशा हो तो धनतेरस के दिन शाम के समय पीपल वृक्ष के समीप तेल का पंचमुखी दीपक जलाएं।
-यदि व्यवसाय में बार-बार हानि हो रही हो या घर में बरकत ना रहती हो तो धनतेरस के दिन से गाय को रोज चारा डालने का नियम लें।
- यदि जीवन में आर्थिक स्थिरता नहीं हो तो धनतेरस के दिन दो कमलगट्टे लेकर उन्हें माता लक्ष्मी के मंदिर में अर्पित करें।
- यदि आप आर्थिक परेशानी से जुझ रहे हैं तो धनतेरस के दिन शाम को लक्ष्मीजी के मंदिर में नारियल चढ़ाएं।
-यदि आप निरंतर कर्ज में उलझ रहें हो तो धनतेरस के दिन श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल वृक्ष पर चढ़ाएं।
- धनतेरस के दिन गुलर के ग्यारह पत्तों को मोली से बांधकर यदि किसी वट वृक्ष पर बांध दिया जाए, तो आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
- यदि आप आर्थिक समस्या से परेशान है, किंतु रूकावटें आ रही हों, तो आक की रूई का दीपक शाम के समय किसी तिराहे पर रखने से आपको धन लाभ होगा।
- जीवन स्थायी सुख-समृद्धि हेतु प्रत्येक धनतेरस की रात में पूजन करने वाले स्थान पर ही रात्रि में जागरण करना चाहिए।
- यदि व्यवसाय में शिथिलता हो तो केले के दो पौधे रोपकर उनकी देखभाल करें तथा उनके फलों को नहीं खाएं।
- पीत वस्त्र में नागकेसर, हल्दी, सुपारी, एक सिक्का, ताँबे का टुकड़ा, चावल पोटली बना लें। इस पोटली को शिवजी के सम्मुख रखकर, धूप-दीप से पूजन करके सिद्ध कर लें फिर आलमारी, तिजोरी, भण्डार में कहीं भी रख दें। यह धनदायक प्रयोग है।
= *धनतेरस दीपदान का महत्व* =
धनतेरस की सायंकाल को गृहलक्ष्मी द्वारा यमदेव निमित्त दक्षिण दिशा में दीपदान किया जाता है। मान्यता है ऐसा करने से यमराज के कोप से सुरक्षा मिलती है और पूरा परिवार स्वस्थ रहता है।
NOTE ---
==शास्त्रों के अनुसार एक पीपल का पौधा लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार को कोई दुख नहीं सताता है। कभी भी पैसों की कमी नहीं रहती है। पीपल का पौधा लगाने के बाद उसे नियमित रूप से जल अर्पित करना चाहिए। जैसे-जैसे यह वृक्ष बड़ा होगा आपके घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती जाएगी, धन बढ़ता जाएगा। पीपल के बड़े होने तक इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए तभी आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होंगे।==
-- *धनतेरस की तिथि और शुभ मुहूर्त* ---
धनतेरस के दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्तः
12 नवंबर को खरीदारी का शुभ मुहूर्त
रात्रि 11:30 से 1:07 बजे तक
13 नवंबर को खरीदारी का शुभ मुहूर्त-
सुबह 5:59 से 10:06 बजे तक
सुबह 11:08 से दोपहर 12:51 बजे तक
दोपहर 3:38 मिनट से शाम 5:00 बजे तक