स्त्री जन्मपत्री का " एकादश भाव " पति की प्रेमिकाओ का होता है। वही अंक ज्योतिष विद्या भी इस का वर्णन करती है। जन्मांक में सप्तम अंक की युति बता ही देती है।सप्तम भाव का लाभ भाव से राशि परिवर्तन अथवा परस्पर दृस्टिया हो तो महिला के पति की प्रेमिकाए अवश्य होंगी।
प्रेमिका भाव का कारक ग्रह या करक भाव कितना बलवान है उतनी ही बलशाली प्रेमिका होती है।यदि वह सौम्य ग्रह विद्धमान होने पर प्रेमिकाए बहुत सूंदर होगी ! राहु ग्रह केतु ग्रह का अधिपत्य " एकादश भाव " पर होने का परिणाम आपके पति की प्रेमिकाए सांवली और अति साहसी बिना परिणाम के चिंता किये प्रेम करने जीवन दांव पर लगा प्रेम , लकिन "लाभेश भाव " में शुक्र ग्रह या पूर्ण बलवान चन्द्र ग्रह हो उनपर कोई पाप ग्रहो की युति न हो साथ ही ेउच्च नवमांश मे हो तो पति की प्रेमिका - अतिधनवान अतिरुपवान ही होगी
उम्र के किस पड़ाव में स्त्री को अपने पति की प्रेमिकाओ से मुक्ति मिलेगी यह ग्रह विशेष की अवस्था और सम्पूर्ण जन्मपत्री का अवलोकन कर के ही एक योग्य एस्ट्रोलॉजर समाधान कर सकता है।