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*चित्रा : नक्षत्र के जातक*




चित्रा : नक्षत्र वालों को रंगों के चुनाव के विषय में वस्त्र अधिक पसन्द करते हैं । मसखरापन होता है । प्राय : ये लोग बड़े छापे वाले या अटपटे व गहरे रंग के इनकी आँखें प्राय : बड़ी , गोलाई लिए हुए तथा भौंहें पतली व लम्बी होती हैं । कन्या राशि वाला चित्रा हो तो इनके अन्दर जनानापन भी देखा जाता है । ये लोग स्त्रियोचित रंगों के कपड़े पहनते हैं तथा औरतों की तरह वस्त्राभूषण पहनने के शौकीन होते हैं । इन लोगों को अपनी पलियों की अंगूठी या चेन आदि पहनने में भी अधिक गुरेज नहीं होता है । ( वराह )
ये लोग प्रायः बुद्धिमान् होते हैं तथा शिल्प , विद्या , इंजीनियरिंग , मिस्त्री आदि के काम में कुशल होते हैं । इन लोगों की आस्थाएँ व विश्वास प्रायः चलायमान होते हैं । वाहनों के विषय में भी इनकी रुचि थोड़ा हटकर होती है । इन्हें कई पुत्र होने के योग होते हैं । तुलागत चित्रा नक्षत्र हो तो व्यापार करने की इनकी इच्छा होती है , लेकिन अपने स्वभाव , आदतों व सुख सुविधाओं में कटौती करना इन्हें स्वीकार्य नहीं होता है । ( पराशर )
कई बातों में इनकी बुद्धि बड़े विचित्र या अनोखे ढंग से सोचती है । हालाकि अपने निर्णयों व निष्कर्षों से बाद में ये खुद पर ही शर्मिन्दा होते रहते हैं ।
कर्ण तथा नेत्ररोगी , अद्भुत कार्य करने वाला , साधारण - सी बातों पर क्रोध करने वाला , नायक के कार्य में निपुण , शारीरिक बल बढ़ाने में प्रयत्नशील , गरीब , विद्याभ्यास का इच्छुक , अनुभवी , शत्रुओं से सामना करने वाला तथा ईमानदार ।
👉 चित्रा के प्रथम चरण में कोमल शरीर , गोरा रंग , लम्बा कद , आँखों में उभार व कुछ अनोखापन , उग्र , अभिमानी , लम्बी व भरी हुई बाँहे , भूरे रोम होते हैं ।
👉 द्वितीय चरण में प्रसिद्ध , कोमल शरीर , बड़े नेत्र , अनुमान से अधिक तन व मन के बल वाला , चतुर , गोल कन्धे , लेखन कला जानने वाला व विद्वान् होता है ।
👉 तृतीय चरण में गौरवर्ण , बड़ी आँखें , प्रशंसा चाहने वाला , बड़ा चेहरा , धन संचय करने वाला , नई चीजों के विक्रय में कुशल , प्रसिद्ध होता है ।
👉 चतुर्थ चरण में बड़ी व गोलाई युक्त आँखें , दाँतों की बनावट में विषमता , पतली कमर , नजर की कमजोरी , असुन्दर शरीर , लम्बी मिली भौहें , लाल सांवला रंग होता है ।
💢 कुंडली में विराजमान ग्रहों के कारण हो सकता है  उपरोक्त फलादेश पूर्णत:  मिलान ना करे । क्योंकि नक्षत्र ,  लग्न एवं ग्रहों के प्रभाव को मिलाने के बाद ही आखरी फलादेश होता है ।