पूरी सृष्टि में उथल-पुथल मचाकर रख दी। पूरी भारत के अपने पड़ोसी देश चीन से युद्ध जैसे हालत चल रहे हैं। इस दौरान लोगों को बड़े आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा, कई लोगों के बिजनेस ठप हो गए तो, कई लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। अब जब शनि पुनः अपनी ही राशि में मार्गी होने जा रहे हैं तो ऐसे में अशुभ प्रभावों में कमी आएगी, लोगों को रोगों से राहत मिलेगी, आर्थिक संकटों में कमी आएगी और बिजनेस भी रफ्तार पकड़ने लगेगा।
वर्तमान में धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढैया चल रहा है। मकर पर दूसरा और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। इसके अलावा तुला और मिथुन राशि पर लघु कल्याणी ढैया चल रहा है। शनि के गोचर, साढ़ेसाती और महादशा का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर होता है। इसके प्रभाव से न सिर्फ मनुष्य बल्कि प्रकृति में भी बड़े बदलाव होते हैं। ये बदलाव शुभ और अशुभ दोनों हो सकते हैं। इसका फल राशि और कुंडली में शनि की चाल और स्थिति से तय होता है।
22 जनवरी 2021 तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में शनि रहेंगे जो सूर्य का नक्षत्र है, सूर्य और शनि शत्रु हैं। इस दौरान कुछ नई समस्याएं उभर सकती हैं। सतर्क रहें। 22 जनवरी से श्रवण नक्षत्र में जाएगा, जो चंद्र का नक्षत्र है। शनि-चंद्र भी शत्रु है। 23 सितंबर से राहु और केतु भी राशि बदल रहे हैं। 23 से ही शनि-केतु का 3 और 11 का संबंध रहेगा, अर्थात् पराक्रम और लाभ का संबंध। वहीं 20 नवंबर से गुरु और शनि साथ में आ जाएंगे। 23 सितंबर से राहु की शनि पर दृष्टि रहेगी।