▶वास्तुशास्त्र में यह दिशा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है क्योंकि यह सूर्य के उदय होने की दिशा है।
▶इस दिशा के स्वामी देवता इन्द्र हैं।
▶इस दिशा का स्वामी ग्रह सूर्य है ।
▶भवन बनाते समय इस दिशा को सबसे अधिक खुला रखना चाहिए।
▶यह सुख और समृद्धि कारक होता है।
▶इस दिशा में वास्तुदोष होने पर घर भवन में रहने वाले लोग बीमार रहते हैं।
▶परेशानी और चिन्ता बनी रहती हैं। उन्नति के मार्ग में भी बाधा आति है।
▶पूर्व दिशा से घर के पुरुष लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं ।
▶सरकारी तंत्र से बाधा या दिक्कतें पूर्व दिशा में दोष होने से ही होता है ।