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गठिया रोग - ज्योतिषीय कारण और निवारण

 

         ज्योतिष विज्ञानं अनुसार जोड़ो में वात का संतुलन बिगड़ने पर गठिया नामक रोग होता  है। वात रोग का मुख्य कारक ग्रह " शनि "  है। 
        
ज्योतिष विज्ञानं अनुसार जन्मपत्री में 'शनि' नींच नवांश का होकर पाप प्रभाव हो , उस पर क्रूर ग्रहो की दृस्टि पड़ रही हो । तब गठिया रोग की सम्भावना प्रारम्भ होती  है। 
         मैंने 500 से ज्यादा गठिया रोगियों clients  की कुंडली में पाया  है। की लग्न भाव में बैठा वृस्पत गृह और सप्तम भावगत बैठा शनि जातक में पूर्ण गठिया रोग दे देता  है। 

और भी अनेक जन्मपत्रियों में शनि ग्रह की 3 , 7 , 10 दृष्टि शुक्र ग्रह पर होना मानव के शरीर में धातुविकार उत्पन कर जोड़ो में दर्द प्रारंभ करता  है। 

          ज्योतिष विज्ञानं अनुसार - बुध और शुक्र ग्रह भी इस रोग के सहयोगी ग्रह  होते  है।

 हालांकि मुख्य ग्रह " शनि " हे होता है गठिया रोग में 

 ज्योतिष उपाय - में " शनि ग्रह " से सम्बंधित दान से कुछ राहत पायी जा सकती  है।