आपने कभी सुना होगा कि एक व्यापार अच्छा खासा चलते चलते रूक सा जाता है, ग्राहक दुकान तक आते पर वापस चले जाते । कभी सुना होगा कि एक परिवार मैं सभी हँसते एक साथ रहते थे, अचानक उनमे जरा सी बात पर झगड़ा शुरू हो जाता जो विवाद बढकर सबको अलग कर देता । कभी सुना होगा कि घर की सबसे समझदार लड़की जो कभी नजर उठाकर किसी से बात तक नही करती,मोहल्ले के एक आवारा लड़के के साथ भाग जाती है । कभी ये भी सुना होगा कि घर का एक सदस्य अचानक बीमार पड़ जाता ,डॉक्टर की रिपोर्ट ठीक आती पर कोई इलाज का असर नही पड़ता ।
ये सब तांत्रिक क्रियाओं द्वारा किया जाता हैं । आपने तन्त्र साधना के बारे मैं सुना ही होगा । हर धर्म की तन्त्र सिद्धि होती है । आइये इसे समझते हैं ।
हर धर्म मे प्रचलित हैं तन्त्र विद्या -
तन्त्र-परम्परा हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म, तिब्बत की बोन परम्परा, दाओ-परम्परा तथा जापान की शिन्तो परम्परा में पायी जाती है।
हिन्दू परम्परा में तन्त्र मुख्यतः शाक्त सम्प्रदाय से जुड़ा हुआ है, उसके बाद शैव सप्रदाय से, और कुछ सीमा में वैष्णव परम्परा से भी।शैव परम्परा में तन्त्र ग्रन्थों के वक्ता साधारणतयः शिवजी होते हैं। बौद्ध धर्म का वज्रयान सम्प्रदाय अपने तन्त्र-सम्बन्धी विचारों एवं कर्मकाण्डों और साहित्य के लिये प्रसिद्ध है।
जैन धर्म में ध्यानाध्ययनादि का विशेष वर्णन है—उसीप्रकार मंत्र तंत्र और यंत्र का भी विशेष वर्णन है। दृष्टिवाद नामक १२ वें अंग के पांच भेद हैं उसमें चूलिका नामक जो भेद है उसमें चूलिका नामक जो भेद है— उसके जलगता, आकाशगता, स्थलगता, मायागता और रूपगता यह पांच भेद हैं— उनमें मंत्र तंत्र के प्रयोग का वर्णन किया।
मुस्लिम समाज मैं भी तन्त्र विद्या का वर्णन पाक कुरान-ए-मजीद में वर्णित है और दुर्लभ ही हैं उनमे दी हुयी पाक आयतों का प्रायोगिक ज्ञान भी वर्णित किया गया है ।
क्यों और कैसे होता तांत्रिक
आक्रमण
तांत्रिक आक्रमण कोई करीबी सदस्य या घर में आने जाने वाला कोई ऐसा व्यक्ति ही कर सकता है जो बिना रोक टोक घर में आ जा सके | अधिकतर मामले ऐसे ही होते हैं जब कोई अपना ही किसी निजी स्वार्थ के लिए काले जादू या टोने टोटके का प्रयोग करता है |
यहाँ पर यह जानना आवश्यक है कि वह व्यक्ति कौन है और आपकी क्या चीज ऐसी है जो कि शरीर पर आप पहनते थे और अब आपके पास नहीं है | जूता, चप्पल, कपडा या कुछ और, कुछ भी हो सकता है | अब कोई मदद करे इससे पहले देखिये कि काले जादू, तांत्रिक आक्रमण की तीव्रता क्या है | यदि कम है तो इलाज हो सकता है और यदि अधिक है और समय भी बहुत हो गया है तो बेहद मुश्किल | जो भी मदद करेगा वह भी चपेटे में आ जायेगा ।अक्सर ये प्रयोग ग्रहण काल, चतुदर्शी, अमावस्या,होली या दीवाली पर किया जाता है ।